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चिंता की बात नहीं है 2.5% चालू खाते का घाटा, निकासी को रोकने के लिए हैं कई उपाय हैं : वित्त मंत्रालय

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 2.5 प्रतिशत का चालू खाते का घाटा (CAD) चिंता की बात नहीं है और सरकार के पास विदेशी कोष की निकासी की वजह से पैदा हुए असंतुलन से निपटने को जरूरी ‘उपकरण’ हैं। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने मंगलवार को यह बात कही।

Edited by: Manish Mishra
Published : Jun 19, 2018 08:07 pm IST, Updated : Jun 19, 2018 08:07 pm IST
Current Account Deficit- India TV Paisa

Current Account Deficit

नई दिल्ली। सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 2.5 प्रतिशत का चालू खाते का घाटा (CAD) चिंता की बात नहीं है और सरकार के पास विदेशी कोष की निकासी की वजह से पैदा हुए असंतुलन से निपटने को जरूरी ‘उपकरण’ हैं। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने मंगलवार को यह बात कही। गर्ग ने कहा कि 2-2.5 प्रतिशत का चालू खाता घाटा हमारे लिए समस्या नहीं है। यदि स्थिरता रहती है तो चालू साल मे पूंजी खाते में आवक इसकी भरपाई करने को पर्याप्त है। यदि चालू खाता घाटा ढाई प्रतिशत पर भी पहुंच जाता है तो हम चिंतित नहीं होंगे।

चालू खाता घाटा विदेशी मुद्रा के जमाखर्च में अंतर होता है। वित्त वर्ष 2017-18 में यह जीडीपी के 1.9 प्रतिशत यानी 48.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2016-17 में यह जीडीपी का 0.6 प्रतिशत या 14.4 अरब डॉलर रहा था। कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी, रुपए में गिरावट और पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा निकासी की वजह से यह चिंता पैदा हुई है कि चालू साल में यह और ऊंचा जा सकता है।

गर्ग ने कहा कि पिछले साल वाणिज्यक वस्तुओं के मामले में हमारा व्यापार घाटा 160 अरब डॉलर था जबकि सेवा व्यापार में 82 अरब डॉलर का अधिशेष हुआ था। इस दौरान 70 अरब डॉलर की राशि विदेशों में काम करने गए लोगों से मनीऑर्डर के रुप में प्राप्त हुई थी। इस तरह चालू खाता घाटा काफी हद तक संतुलन में था।

गर्ग ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के कार्यक्रम में कहा कि यदि कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं और यह संतुलन बिगड़ता है तो पूंजी खाते से इसकी भरपाई की जाएगी। भारत जो कच्चा तेल खरीदता है उसका मूल्य अप्रैल में 66 डॉलर प्रति बैरल था, जो अब 74 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच चुका है।

अमेरिका द्वारा मौद्रिक रुख को सख्त किए जाने के बारे में गर्ग ने कहा कि भारत इस मामले में 2013 में अमरीकी फेडरल रिजर्व द्वारा नकदी प्रवाह हल्का करने के बारे में आचान की गयी घोषणा के सयम तुलना में कम चिंतित है। गर्ग ने कहा कि 2.5 से 3 प्रतिशत का चालू खाता घाटा हमारे नियंत्रण में नहीं है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि कच्चे तेल का रुख क्या रहता है।

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