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मोदी सरकार पर बढ़ा विदेशी निवेशकों का भरोसा, 26 साल के बाद रिकॉर्ड FDI से हुई CAD की भरपाई

विदेशी निवेशकों का भरोसा मोदी सरकार पर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसीलिए सन 1991 में न्यू इकनॉमिक पॉलिसी अपनाने के बाद पहली बार CAD की भरपाई FDI से हुई है।

Ankit Tyagi
Published : Apr 04, 2017 03:07 pm IST, Updated : Apr 04, 2017 03:07 pm IST
मोदी सरकार पर बढ़ा विदेशी निवेशकों का भरोसा, 26 साल के बाद रिकॉर्ड FDI से हुई CAD की भरपाई- India TV Paisa
मोदी सरकार पर बढ़ा विदेशी निवेशकों का भरोसा, 26 साल के बाद रिकॉर्ड FDI से हुई CAD की भरपाई

नई दिल्ली। मोदी सरकार पर विदेशी निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। जनवरी से अब तक विदेशी निवेशकों ने भारत में रिकॉर्ड निवेश किया है। इसीलिए सन 1991 में न्यू इकनॉमिक पॉलिसी अपनाने के बाद पहली बार भारत के चालू वित्तीय घाटे (CAD) की भरपाई FDI (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) के जरिए हो रही है। आपको बता दें कि देश की इकोनॉमी के हालात सुधरने से विदेशी निवेशक तेजी से भारत में निवेश कर रहे है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत एक ऐसी अर्थव्यवस्था बन रहा है, जहां स्थिर विकास मिलता है। जबकि दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया जैसे उभरते बाजार राजनीतिक और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। भारत की ईज अॉफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग भी 2017 में बढ़कर 130 हो गई है, जो 2015 में 142 थी।

आंकड़ों पर एक नजर

आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि इन श्रेणियों में अप्रैल-जनवरी की अवधि के दौरान नेट आउटफ्लो देखा गया। इसमें विशेष रूप से डॉलर की जमा राशि के मुआवजे के एवज में 2013 में एनआरआई से भारत द्वारा उठाए गए रकम के मुकाबले करीब 26 अरब डॉलर का आउटफ्लो शामिल है।

अंग्रेजी बिजनेस न्यूजपेपर ईकोनॉमिक टाइम्स (ईटी) की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में वित्त वर्ष के खत्म हुए पहले 10 महीनों में (अप्रैल 2010 से जनवरी 2017) के दौरान कुल एफडीआई 53.3 बिलियन डॉलर रहा, जो पहले इसी अवधि के दौरान 47.2 बिलियन डॉलर था और 2016 के पूरे वित्त वर्ष में यह 55.6 बिलियन डॉलर रहा।

मोदी मैजिक पर बढ़ा भरोसा

  • देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काबिलियत में निवेशकों के बढ़ते विश्वास का संकेत है। जिस वित्तीय घाटे की भरपाई अब तक तक विदेशी मुद्रा बाजार में कंपनियों द्वारा उधार लेने, एनआरआई की फंडिग और पोर्टफोलियो इन्फ्लो के जरिए होती थी, उसमें अब बदलाव दिखने लगा है। एफडीआई में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का इस्तेमाल कंपनियां और सेंट्रल बैंक पुराने उधारों को चुकाने में कर रहे हैं।

यस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री शुभदा राव का कहना है कि

ग्लोबाल बाजार में भारत की स्थिति काफी बेहतर है। भारत में लगातार तेजी से सुधार हो रहे है। साथ ही, देश में कारोबारी माहौल और तेजी से सुधार लाने के समर्थन ने हालिया समय में एफडीआई फ्लो ने पोर्टफोलियो फ्लो को पीछे छोड़ दिया है। एफडीआई, टिकाऊ होने के अलावा बेहतर तकनीक के ट्रांसफर की भी सुविधा मुहैया करता है जो अच्छे फायदे दिलाती है।

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