Goldman Sachs to hire over 2,000 by 2023 for Hyderabad office
हैदराबाद। गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने सोमवार को कहा कि वह भारत में अपने नए कार्यालय में 2023 तक 2,000 से अधिक कर्मचारियों को भर्ती करेगी। निवेश बैंकर ने सोमवार को हैदराबाद में अपना नया कार्यालय खोलने की घोषणा की है। गोल्डमैन सैक्स ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि स्थानीय सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए हैदराबाद संचालन की शुरुआत मार्च 2021 में हुई और इस समय यहां लगभग 250 कर्मचारी हैं।
2021 के अंत तक उम्मीद है कि हैदराबाद कार्यालय में कार्यबल की संख्या बढ़कर 800 हो जाएगी। 2023 तक हैदराबाद कार्यालय का आकार 2,500 कर्मचारियों तक पहुंच सकता है। नए कार्यालय का उद्घाटन तेलंगाना के आईटी और उद्योग मंत्री के टी रामाराव ने किया। गोल्डमैन सैक्स के चेयरमैन अैर चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर डेविड एम सोलोमोन ने कहा कि नया कार्यालय गोल्डमैन सैक्स के कारोबारों की विस्तृत श्रृंखला के लिए एक महत्वपूर्ण इन्नोवेशन हब के रूप में काम करेगा और एक वैश्विक कंपनी के रूप में इसकी प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाएगा।
एलएंडटी की निर्माण इकाई को ठेके मिले
अवसंरचना कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने सोमवार को कहा कि उसकी निर्माण शाखा को विदेशी और घरेलू बाजार में ठेके मिले हैं। कंपनी ने इन ठेकों की कुल राशि नहीं बताई, लेकिन कहा कि ठेके ‘महत्वपूर्ण’ श्रेणी के तहत आते हैं, यानि ये 1,000 करोड़ रुपये से 2,500 करोड़ रुपये के बीच हो सकते हैं। एलएंडटी ने शेयर बाजार को बताया कि एलएंडटी कंस्ट्रक्शन ने अपने विभिन्न व्यवसायों के लिए भारत और विदेशों में कई ठेके हासिल किए हैं। कंपनी ने बताया कि देश में ये ठेके लद्दाख और अयोध्या में मिले हैं, जबकि विदेशी ठेके दुबई, अफ्रीका और थाईलैंड से संबंधित हैं।
लेंसकार्ट ने 1,644 करोड़ रुपये जुटाए
लेंसकार्ट ने सोमवार को कहा कि उसने टेमासेक और फाल्कन एज कैपिटल की अगुवाई में 22 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 1,644.2 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा कि वित्त पोषण के मौजूदा दौर में बे कैपिटल और चिराटे ने भी भाग लिया। इससे पहले लेंसकार्ट ने वैश्विक निवेश कोष केकेआर से 9.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाए थे। इस तरह कुल 31.5 करोड़ डॉलर जुटाए जा चुके हैं।
लेंसकार्ट ने एक बयान में कहा कि इस वित्त पोषण से उसे अगले तीन-चार वर्षों में तेज वृद्धि दर्ज करने, भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के साथ ही दक्षिणपूर्व एशिया में कारोबार विस्तार में मदद मिलेगी।






































