नई दिल्ली। ट्रेवल सेगमेंट की स्टार्टअप कंपनी रेलयात्री डॉट इन ने रेलयात्रियों के लिए एक नया फीचर पेश किया है। इस फीचर के जरिये यात्रियों को यह बताया जाएगा कि एक कन्फर्म्ड सीट पाने के लिए उन्हें कब टिकट बुक करना चाहिए। रेलयात्री का दावा है कि बुकिंग खुलने के 2 सप्ताह के भीतर 50 प्रतिशत ट्रेनें भर जाती हैं। रश-ओ-मीटर नामक यह फीचर उपलब्ध टिकटों के बिकने के समय का पूर्वानुमान लगाता है। हिस्टोरिक डाटा और डीप डाटा एनालिसिस का उपयोग कर रेलयात्री लंबी दूरी की सभी ट्रेनों में टिकट बुकिंग की गति का पूर्वानुमान लगाता है।
अपनी तरह के पहले फीचर के बारे में रेलयात्री के सीईओ मनीष राठी ने कहा कि लाखों यात्रियों को कन्फर्म्ड टिकट नहीं मिल पाते हैं, अब यह फीचर बताएगा कि कब या कितने घंटों/दिनों के भीतर टिकट बुक करवाना चाहिए, ताकि यात्रि को निराशा न हो। रेलयात्री एकमात्र ऐसा एप है, जो ट्रेनों में टिकट बुकिंग की गति बताएगा और सही समय पर बुकिंग करने में आपकी मदद करेगा।
ट्रेनों के टिकट बिकने की गति के आधार पर इन्हें तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। पहली श्रेणी है सुपरसोनिक ट्रेन की, जिसमें टिकट पहले 12 घंटों में ही बिक जाते हैं। जिन ट्रेनों के टिकट 6-7 दिनों में बिकते हैं, उन्हें सबसोनिक ट्रेन श्रेणी में रखा गया है। जिन ट्रेनों में टिकट लंबी अवधि तक उपलब्ध होते हैं उन्हें छुक छुक ट्रेन श्रेणी में रखा गया है।
ट्रेन टिकट बुकिंग का समय 120 दिन होता है और हमेशा चार माह पहले यात्रा की योजना बनाना हर किसी के लिए संभव नहीं होता, इसलिए रश-ओ-मीटर आपको बताता है कि कितने घंटे/दिन पहले आपको टिकट बुक करवाना चाहिए। राठी ने कहा कि इस फीचर से कन्फर्म्ड टिकट मिलने की संभावना बढ़ेगी। यह एप यह भी बताती है कि आएसी का उपलब्ध टिकट कब वेटलिस्ट में आएगा।