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भारत करेगा चाबहार मुक्‍त व्‍यापार क्षेत्र में भारी निवेश, ईरान के साथ हुआ समझौता

भारत ईरान के चाबहार मुक्त व्यापार क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश करेगा, जिसके लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: May 23, 2016 12:55 IST
भारत करेगा चाबहार मुक्‍त व्‍यापार क्षेत्र में भारी निवेश, ईरान के साथ हुआ समझौता- India TV Paisa
भारत करेगा चाबहार मुक्‍त व्‍यापार क्षेत्र में भारी निवेश, ईरान के साथ हुआ समझौता

तेहरान। भारत ईरान के चाबहार मुक्त व्यापार क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने- एल्यूमीनियम स्मेल्टर से लेकर यूरिया संयंत्र तक- के लिए अरबों डॉलर का निवेश करेगा, जिसके लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ। सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, चाबहार के रणनीतिक बंदरगाह के निर्माण और परिचालन संबंधी वाणिज्यिक अनुबंध पर समझौते से भारत को ईरान में अपने पैर जमाने और पाकिस्तान को दरकिनार कर अफगानिस्तान, रूस और यूरोप तक सीधी पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, कांडला एवं चाबहार बंदरगाह के बीच दूरी, नई दिल्ली से मुंबई के बीच की दूरी से भी कम है। इसलिए इस समझौते से हमें पहले वस्तुएं ईरान तक तेजी से पहुंचाने और फिर नए रेल एवं सड़क मार्ग के जरिए अफगानिस्तान ले जाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, चाबहार मुक्त व्यापार क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हो सकता है।

भारत के लिए विशाल संभावनाओं का देश है ईरान, व्‍यापार और निवेश में बड़े मौके

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां दो दिन की यात्रा पर आए हैं और इस दौरान वह भारत-ईरान संबंध को मजबूत करने और ईरान के खिलाफ प्रतिबंध हटाए जाने का बड़े पैमाने पर फायदा उठाकर व्यापार बढ़ाने के तरीके तलाशेंगे। गडकरी ने कहा कि ईरान के पास सस्ती प्राकृतिक गैस और बिजली है और भारतीय कंपनियां 50 लाख टन का एल्यूमीनियम स्मेल्टर संयंत्र और यूरिया विनिर्माण इकाइयां स्थापित करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, हम यूरिया सब्सिडी पर 45,000 करोड़ रुपए सालाना खर्च करते हैं और यदि हम इसका विनिर्माण चाबहार मुक्त व्यापार क्षेत्र में करते हैं और कांडला बंदरगाह ले जाकर वहां से भीतरी इलाकों में इसे पहुचाएं तो उतनी ही राशि की बचत होगी। गडकरी ने कहा कि नाल्को एल्यूमीनियम स्मेल्टर स्थापित करेगी, जबकि निजी एवं सहकारी उर्वरक कंपनियों यूरिया संयंत्र बनाने की इच्छुक हैं बशर्ते उन्हें दो डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से कम की दर पर गैस मिले। उन्होंने कहा कि रेलवे का पीएसयू इरकॉन चाबहार में एक रेल लाइन का निर्माण करेगा ताकि अफगानिस्तान तक सीधे सामान पहुंचाया जा सके।

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