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Hot Weather: साल दर साल गर्म हो रहे हैं भारतीय शहर, 200 साल में 2.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया औसत तापमान

अमेरिकी एजेंसी नेशनल ऐरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के मुताबिक भारतीय शहरों का तापमान साल दर साल लगातार बढ़ता जा रहा है।

Dharmender Chaudhary
Published : Jan 26, 2016 07:48 am IST, Updated : Jan 26, 2016 08:29 am IST
Hot Weather: साल दर साल गर्म हो रहे हैं भारतीय शहर, 200 साल में 2.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया औसत तापमान- India TV Paisa
Hot Weather: साल दर साल गर्म हो रहे हैं भारतीय शहर, 200 साल में 2.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया औसत तापमान

नई दिल्ली। भले ही उत्तर भारत भीषण ठंड की चपेट में है, लेकिन अमेरिकी एजेंसी नेशनल ऐरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के मुताबिक भारतीय शहरों का तापमान साल दर साल लगातार बढ़ता जा रहा है। वैज्ञानिकों की माने तो बीता साल पिछले 135 वर्षों में सबसे अधिक गर्म रहा है। नासा के मुताबिक मुंबई का औसत वार्षिक तापमान 1891 से लेकर अभी तक 2.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। वहीं, दिल्ली के तापमान में 1930 के बाद से 0.3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्‍ती हो चुकी है। इस बढ़ते तापमान के पीछे गर्म समुद्री हवाओं को मुख्य कारण माना जा रहा है। इसके कारण देश में कृषि से लेकर दूसरे इकोसिस्टम प्रभावित हो रहे हैं।

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Berkeleyearth.org के एक वैकल्पिक अध्ययन में पता चला है कि भारत में तापमान लगातार बढ़ रहा है। पिछले 200 वर्षों में 2.2 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ा है।

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फिनलैंड और स्पेन में सबसे अधिक बढ़ी गर्मी

नासा ने दुनियाभर के 6,300 मौसम स्टेशनों से डाटा एकत्र कर इसकी तुलना एक बेसलाइन से की है, जिसमें 1951-1980 तक का औसत तापमान लिया गया है(इसे 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास माना जा सकता है।)। 2015 में तापमान बेसलाइन से 0.87 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड किया गया। वहीं, फिनलैंड और स्पेन में 2015 अब तक का सबसे गर्म साल रहा, जबकि अर्जेंटीना के लिए यह दूसरा सबसे गरम साल था। रिपोर्ट के मुताबिक लंबी अवधि में सबसे ज्यादा पोल पर मौसम बदला है। वर्ष 2000 के बाद दस साल बहुत गर्म रहे हैं। 2000 से 2015 तक बेसलाइन तापमान हर साल 0.03 डिग्री सेल्यिस की दर से बढ़ा है, जो कि ग्‍लोबल वार्मिंग की ओर संकेत देता है।

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अल-नीनो से गर्म हुआ मौसम?

गर्म होते मौसम के लिए मानव गतिविधि और ग्रीन हाउस गैसों को दोषी ठहराना आसान है, लेकिन कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार एक साल में ऐसा होना संभव नहीं है। यह लंबे समय में हुए बदलाव को दर्शाता है। दुनिया और भारत में 2015 के दौरान गर्म मौसम के लिए अल-नीनो को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। प्रशांत महासागर की सतह गर्म हो रही है। वास्‍तविकता यह है कि 2014 में जब अल-नीनो नहीं आया था तब भी यहां बहुत ज्‍यादा गर्मी रिकॉर्ड की गई थी, जो कि बढ़ते ग्‍लोबल वार्मिंग का एक दूसरा सबूत है।

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