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पेट्रोल-डीजल पर एक्‍साइज कलेक्‍शन में आया 88% उछाल, सरकार ने FY21 में 3.35 लाख करोड़ रुपये जुटाये

चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान पेट्रोल की कीमत में 39 बार, जबकि डीजल की कीमत में 36 बार बढ़ोतरी की गई है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: July 19, 2021 16:25 IST
Modi Government's excise collections on petrol, diesel jumps to Rs 3.35 lakh crore - India TV Paisa
Photo:PTI FILE PHOTO

Modi Government's excise collections on petrol, diesel jumps to Rs 3.35 lakh crore

नई दिल्‍ली। वित्‍त वर्ष 2020-21 के दौरान पेट्रोल और डीजल (petrol and diesel) पर सरकार का टैक्‍स कलेक्‍शन 88 प्रतिशत बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये रहा। सोमवार को लोकसभा में यह जानकारी दी गई। एक्‍साइज ड्यूटी में रिकॉर्ड वृद्धि की वजह से सरकार के राजस्‍व में यह बढ़ोतरी हुई है। महामारी की वजह से घटी मांग से क्रूड तेल की कीमत कई सालों के निचले स्‍तर पर पहुंचने का फायदा उठाने के लिए सरकार ने एक्‍साइज ड्यूटी में वृद्धि की थी। पिछले साल पेट्रोल पर एक्‍साइज ड्यूटी को 19.98 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 32.9 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था।

इसी प्रकार डीजल पर एक्‍साइज ड्यूटी को 15.83 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 31.8 रुपये प्रति लीटर किया गया था। लोकसभा में एक सवाल के लिख‍ति जवाब में पेट्रोलियाम एवं प्राकृतिक गैस राज्‍य मंत्री रामेश्‍वर तेली ने यह बात कही। एक्‍साइज ड्यूटी में वृद्धि के परिणामस्‍वरूप वित्‍त वर्ष 2020-21 में (अप्रैल 2020 से मार्च 2021) पेट्रोल-डीजल पर एक्‍साइज ड्यूटी कलेक्‍शन बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की अवधि में 1.78 लाख करोड़ रुपये था। वित्‍त वर्ष 2018-19 में पेट्रोल-डीजल पर एक्‍साइज ड्यूटी का कलेक्‍शन 2.13 लाख करोड़ रुपये था।

एक अन्‍य सवाल के उत्‍तर में वित्‍त राज्‍य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि इस साल अप्रैल-जून के बीच एक्‍साइज कलेक्‍शन 1.10 लाख करोड़ रुपये रहा है। इसमें पेट्रोल-डीजल के साथ ही एटीएफ, प्राकृतिक गैस और क्रूड ऑयल पर एक्‍साइज ड्यूटी भी शामिल है। वित्‍त वर्ष 2020-21 में कुल एक्‍साइज कलेक्‍शन 3.89 लाख करोड़ रुपये रहा है।  

तेली ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम बाजार के नियंत्रण में है। सरकार ने 26 जून, 2010 को डीजल को और 19 अक्‍टूबर, 2014 को पेट्रोल को सरकारी नियंत्रण से मुक्‍त कर दिया था। तब से, सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियां अंतरराष्‍ट्रीय उत्‍पाद मूल्‍य और अन्‍य बाजार परिस्थितियों के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमत पर उचित निर्णय ले रही हैं। उन्‍होंने कहा कि तेल विपणन कंपनियां अंतरराष्‍ट्रीय कीमतों में बदलाव और रुपये-डॉलर एक्‍सचेंज रेट के अनुसार पेट्रोल और डीजल की कीमत में वृद्धि या कटौती करती हैं।  

16 जून, 2017 से पूरे देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में दैनिक आधार पर परिवर्तन को लागू किया गया है। तेली ने कहा कि अलग-अलग राज्‍यों में पेट्रोल-डीजल की कीमत में अंतर भाड़ा दर और वैट/स्‍थानीय कर की वजह से है। उन्‍होंने कहा कि चालू वित्‍त वर्ष 2021-22 के दौरान पेट्रोल की कीमत में 39 बार, जबकि डीजल की कीमत में 36 बार बढ़ोतरी की गई है। इस अवधि में पेट्रोल की कीमत में एक बार और डीजल में दो बार कटौती की गई है। शेष दिनों में कोई बदलाव नहीं किया गया।  

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