Wednesday, December 11, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. स्विस बैंकों में जमा धन के मामले में भारत 77वें स्‍थान पर, कुल जमा विदेशी धन में भारतीयों का हिस्‍सा है 0.06%

स्विस बैंकों में जमा धन के मामले में भारत 77वें स्‍थान पर, कुल जमा विदेशी धन में भारतीयों का हिस्‍सा है 0.06%

भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों (भारत में स्थित शाखाओं के जरिये जमा सहित) का स्विस बैंकों में जमा धन 2019 में 5.8 प्रतिशत घटकर 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपए) रह गया।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : June 26, 2020 13:04 IST
Money in Swiss banks, India at 77th place, accounts for just 0.06 percent of all foreign funds- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

Money in Swiss banks, India at 77th place, accounts for just 0.06 percent of all foreign funds

नई दिल्‍ली/ज्यूरिख। स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों के जमा धन के मामले में भारत तीन स्थान फिसलकर 77वें स्थान पर पहुंच गया है। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी मिली है। इस सूची में ब्रिटेन पहले स्थान पर कायम है। पिछले साल भारत इस सूची में 74वें स्थान पर था। स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) द्वारा जारी वार्षिक बैंकिंग आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय नागरिकों और कंपनियों द्वारा धन जमा करने के मामले में भारत काफी निचले पायदान पर आता है। स्विस बैंकों में विदेशियों द्वारा जमा धन में भारतीयों का हिस्सा मात्र 0.06 प्रतिशत है। वहीं 2019 के अंत तक सूची में पहले स्थान पर रहने वाले ब्रिटेन के नागरिकों का कुल जमा धन में हिस्सा 27 प्रतिशत है।

एसएनबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों (भारत में स्थित शाखाओं के जरिये जमा सहित) का स्विस बैंकों में जमा धन 2019 में 5.8 प्रतिशत घटकर 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपए) रह गया। यह स्विस बैंकों की भारतीयों ग्राहकों के प्रति कुल देनदारी है। इनमें भारतीय ग्राहकों के सभी तरह के खाते शामिल हैं। जैसे व्‍यक्तिगत लोगों, बैंकों और कंपनियों की जमा। इन आंकड़ों में भारत में स्विस बैंकों की शाखाओं में जमा भी शामिल है। ये आधिकारिक आंकड़े हैं, जो बैंकों ने एसएनबी को दिए हैं।

इनसे स्विट्जरलैंड में जमा भारतीयों के कालेधन का संकेत नहीं मिलता जिसको लेकर चर्चा होती रही है। इन आंकड़ों में उन भारतीयों, प्रवासी भारतीयों या अन्य का धन शामिल नहीं है, जो स्विस बैंकों में तीसरे देशों की इकाइयों के नाम पर रखे गए हैं। सूची में ब्रिटेन पहले स्थान पर है। उसके बाद अमेरिका दूसरे, वेस्ट इंडीज तीसरे, फ्रांस चौथे और हांगकांग पांचवें स्थान पर है। स्विस बैंकों में जमा कुल धन में शीर्ष पांच देशों का हिस्सा 50 प्रतिशत से अधिक है। वहीं शीर्ष दस देशों का हिस्सा 66 प्रतिशत से अधिक है।

सूची में शीर्ष 15 देशों का हिस्सा 75 प्रतिशत और शीर्ष 30 देशों का हिस्सा करीब 90 प्रतिशत है। शीर्ष दस देशों में जर्मनी, लक्जमबर्ग, बहामास, सिंगापुर और केमैन आइलैंड भी शामिल हैं। सिर्फ 22 देश ऐसे हैं जिनका स्विस बैंकों में जमा धन में हिस्सा एक प्रतिशत या अधिक है। इनमें चीन, जर्सी, रूस, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, पनामा, इटली, साइप्रस, यूएई, नीदरलैंड, जापान और गर्न्जी शामिल हैं। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों की बात की जाए, तो भारत सूची में सबसे निचले स्थान पर है। ब्रिक्स देशों में रूस सबसे ऊंचे पायदान 20वें स्थान पर है। 2018 में भी वह इसी स्थान पर था। चीन भी पिछले साल के समान 22वें स्थान पर है। दक्षिण अफ्रीका दो पायदान चढ़कर 56वें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं ब्राजील 62वें स्थान पर है। पिछले साल वह 65वें स्थान पर था।

सूची में भारत से ऊपर वाले देशों में केन्या (74वें), मॉरीशस (68वें), न्यूजीलैंड (67वें) वेनेजुएला (61वें), यूक्रेन (58वें), फिलिपीन (51वें), मलेशिया (49वें), सेशेल्स (45वें), इंडोनेशिया (44वें), दक्षिण कोरिया (41वें), थाइलैंड (37वें), कनाडा (36वें), इस्राइल (28वें), तुर्की (26वें), मेक्सिको (26वें), ताइवान (24वें) सऊदी अरब (19वें), ऑस्ट्रेलिया (18वें), इटली (16वें), यूएई (14वें), नीदरलैंड (13वें), जापान (12वें) और गर्न्जी 11वें स्थान पर हैं। हालांकि, कई पड़ोसी देश सूची में भारत से नीचे हैं। इनमें पाकिस्तान 99वें, बांग्लादेश 85वें, नेपाल 118वें, श्रीलंका 148वें, म्यामां 186वें और भूटान 196वें स्थान पर हैं। इन सभी देशों की जमा में 2019 में गिरावट आई है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement