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मोबाइल बैंकिंग होगी और भी आसान, महज आवाज सुनकर मोबाइल कर देगा ट्रांजेक्शन

2016-17 में IMPS के जरिये 50 करोड़ लेन-देन किये गये थे। वृद्धि के ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था में मोबाइल भुगतान की बेहतरीन संभावनाओं के संकेतक हैं

Manoj Kumar Manoj Kumar @kumarman145
Published on: October 29, 2017 16:28 IST
मोबाइल बैंकिंग होगी और भी आसान, महज आवाज सुनकर मोबाइल कर देगा ट्रांजेक्शन- India TV Paisa
मोबाइल बैंकिंग होगी और भी आसान, महज आवाज सुनकर मोबाइल कर देगा ट्रांजेक्शन

चेन्नई डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए स्थापित संगठन मोबाइल पेमेंट फोरम ऑफ इंडिया (MPFI) आवाज आधारित प्रमाणन समेत कई सुविधाजनक फीचर लाने वाला है। इस फोरम का गठन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास और बैंकिंग प्राद्योगिकी पर काम करने वाली हैदराबाद की संस्था इंस्टिट्यूट फार डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलाजी ने मिल कर किया है।

MPFI के चेयरमैन गौरव रैना ने कहा कि आवाज आधारित प्रमाणन, सुरक्षा एवं निजता सुविधा जैसे कई भविष्य के हल पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। IIT मद्रास के प्रोफैसर रैना ने कहा कि आने वाले महीनों में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने, एसएमएस बैंकिंग के लिए संदेशों का फॉर्मेट आसान बनाने, नियर फील्ड कम्यूनिकेशन (NFC), प्रॉक्सिमिटी पेमेंट आदि पर भी ध्यान दिया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा, हर किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है। नेटवर्क बेहतर हो रहा है पर यह कई बार खराब हो सकता है। पर एसएमएस कम से कम आधारभूत विाीय सेवाओं का एक माध्यम हो सकता है। इसे बढ़ावा देने और इसके मानकीकरण की जरूरत है। रैना ने उदाहरण के तौर पर कहा कि खाते की राशि संबंधी उद्देश्यों के लिए सभी बैंकों में एक मास्टरकोड का इस्तेमाल किया जा सकता है।

आवाज आधारित प्रमाणन के बारे में उन्होंने कहा, ऐसा माना जा रहा है कि विाीय लेन-देन के संबंध में साक्षरता का एक तय स्तर है पर उद्देश्य इसे अधिक से अधिक लोगों के लिए आसान बनाना है। उन्होंने आगे कहा, उम्रदराज लोग अन्य किस्म की प्रौद्योगिकी के प्रति सहज नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा, तो क्या हम एक ऐसी कल्पना नहीं कर सकते हैं जहां बैंकिंग में आवाज की महत्वपूर्ण भूमिका हो।

रैना ने कहा कि MPFI आने वाले वर्षों में इस तरह के फीचर विकसित करने पर ध्यान देगा। आंकड़े पेश करते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ अगस्त 2017 में ही IMPS और UPI का इस्तेमाल करते हुए नौ करोड़ से अधिक लेन-देन किये गये हैं। वित्त वर्ष 2016-17 में IMPS के जरिये 50 करोड़ लेन-देन किये गये थे। उन्होंने कहा, वृद्धि के ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था में मोबाइल भुगतान की बेहतरीन संभावनाओं के संकेतक हैं।

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