अगर आप सुरक्षित निवेश के साथ पक्का और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) स्कीम आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती है। इस स्कीम में अगर आप ₹10 लाख का निवेश करते हैं, तो मैच्योरिटी पर आपको ₹4,49,034 तक का ब्याज मिल सकता है। सरकार की गारंटी के साथ आने वाली यह योजना न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि टैक्स बेनिफिट भी देती है। आइए जानते हैं NSC स्कीम की पूरी जानकारी, ब्याज दर, अवधि और निवेश से जुड़ी जरूरी बातें।
क्या है नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट स्कीम
पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, भारत सरकार द्वारा समर्थित एक सुरक्षित और गारंटीड निवेश योजना है। यह खासतौर पर मध्यम वर्ग और छोटे निवेशकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस स्कीम में तय अवधि के बाद फिक्स रिटर्न मिलता है और इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई जोखिम नहीं होता। इसमें निवेश अवधि 5 साल की होती है। कम से कम 1000 रुपये निवेश करना होता है। हालांकि मैक्सिमम लिमिट नहीं है। आप चाहें जितनी मर्जी पैसे निवेश कर सकते हैं। ब्याज दर की हर तिमाही भारत सरकार समीक्षा करती है।
ब्याज दर और रिटर्न
पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर फिलहाल 7.7 प्रतिशत सालाना ब्याज ऑफर किया जा रहा है। इस हिसाब से जब आप इस स्कीम में एकमुश्त 10,00,000 रुपये जमा करते हैं तो आपको मेच्योरिटी पर रिटर्न यानी 5 साल बाद ₹4,49,034 ब्याज हासिल होगा। इस स्कीम में निवेश के कई फायदे हैं। यह जोखिम से मुक्त निवेश है। इसमें तय और स्थिर रिटर्न मिल जाता है। इतना ही नहीं, आपको टैक्स बचत का भी फायदा मिलता है। यूं कहें कि लंबी अवधि के सुरक्षित फाइनेंशियल प्लान के लिए यह एक उपयुक्त साधन है।
कौन खोल सकता है स्कीम के तहत अकाउंट
ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, निवेशक भारत का निवासी व्यक्ति होना चाहिए। गैर-निवासी भारतीय (एनआरआई), हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ), ट्रस्ट और कंपनियां इस स्कीम में निवेश के लिए पात्र नहीं हैं।
- सिंगल अकाउंट: कोई भी वयस्क व्यक्ति अपने नाम से या नाबालिग की ओर से NSC खाता खोल सकता है।
- जॉइंट अकाउंट: दो या तीन वयस्क व्यक्ति मिलकर जॉइंट अकाउंट खोल सकते हैं। जॉइंट 'A' टाइप: मैच्योरिटी पर राशि सभी खाताधारकों को संयुक्त रूप से या जीवित खाताधारक(कों) को मिलेगी।
- जॉइंट 'B' टाइप: मैच्योरिटी पर राशि किसी एक खाताधारक या जीवित खाताधारक को मिल सकती है।
- नाबालिगों के लिए: अभिभावक (गार्जियन) नाबालिग बच्चे की ओर से NSC खाता खोल सकता है।
- 10 वर्ष या उससे अधिक उम्र का नाबालिग अपने नाम से स्वयं NSC खाता खोल सकता है।
- मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति के लिए: अभिभावक उनकी ओर से खाता खोल सकता है।






































