सप्ताह के पहले कारोबारी सत्र में सोमवोर को घरेलू शेयर बाजार गोता लगा गया। शुरुआती सत्र में सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर बीएसई सेंसेक्स एक समय में 373.17 अंक लुढ़ककर 84,849.49 के लेवल पर कारोबार करता दिखा। इसी समय, एनएसई निफ्टी भी 126.65 अंक की गिरावट के साथ 25,930.20 के लेवल पर कारोबार कर रहा था। शुरुआती दौर में निफ्टी पर श्रीराम फाइनेंस और ICICI बैंक प्रमुख गेनर रहे, जबकि ट्रेंट, डॉ. रेड्डीज़ लैब्स, NTPC, ONGC, मैक्स हेल्थकेयर लूज़र रहे।
सेंसेक्स कंपनियों में, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारती एयरटेल, ट्रेंट, NTPC, बजाज फिनसर्व और पावर ग्रिड प्रमुख रूप से पिछड़ने वाली कंपनियों में शामिल थीं। हालांकि, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, अल्ट्राटेक सीमेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और टाटा स्टील फायदे में रहीं।
रुपया 9 पैसे और टूटकर सर्वकालिक निचले रिकॉर्ड पर
सोमवार के शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 9 पैसे गिरकर 90.58 के सभी समय के निचले स्तर पर पहुंच गया। इस गिरावट के पीछे भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता और लगातार विदेशी निवेशकों द्वारा फंड निकालना मुख्य कारण हैं। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार कर रहा है क्योंकि निवेशक “वेट एंड वॉच” की स्थिति में हैं और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते से संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।
इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 90.53 पर खुला और फिर गिरकर 90.58 के अंतरदैनिक निचले स्तर तक पहुंच गया, जो पिछले बंद स्तर से 9 पैसे की गिरावट दर्शाता है। पिछले शुक्रवार को रुपया 17 पैसे गिरकर अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 90.49 पर बंद हुआ था, जो उस समय का इतिहासिक निचला स्तर था।
एशियाई बाजार में गिरावट
ग्लोबली, एशियाई बाजार आज सुबह कमजोर कारोबार कर रहे हैं, मुख्य रूप से जापान और दक्षिण कोरिया में कमजोरी के चलते। निवेशक चीन और अमेरिका से आने वाले महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों से पहले सतर्क नजर आ रहे हैं। Enrich Money के सीईओ पोन्मुदि आर ने कहा कि अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को कमजोर बंद हुए, जबकि नैस्डैक फ्यूचर्स टेक-हेवी सेक्टर में तनाव का संकेत दे रहे हैं।
WTI क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ीं
tradingeconomics के मुताबिक, WTI क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ीं, लेकिन करीब दो महीने के निचले स्तर के पास ही बनी रहीं। सोमवार को WTI क्रूड ऑयल फ्यूचर्स की कीमतें $57.6 प्रति बैरल तक बढ़ीं, लेकिन यह लगातार आपूर्ति की अधिकता की चिंताओं के चलते करीब दो महीने के निचले स्तर के पास ही बनी रही। निवेशक यूक्रेन में शांति वार्ता के नए दौर से जुड़ी घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं।






































