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अगले 12 से 18 माह में भारत के बैंकिंग क्षेत्र का डूबा कर्ज बढ़ेगा: एसएंडपी

रिपोर्ट के मुताबिक डूबे कर्ज का अनुमान पिछले अनुमान से कम है, इसके बावजूद वित्तीय क्षेत्र 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष तक इस स्थिति से पूरी तरह उबर नहीं पाएगा। एसएंडपी ने कहा कि तीन से आठ प्रतिशत कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग हो सकती है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : Nov 24, 2020 04:49 pm IST, Updated : Nov 24, 2020 04:49 pm IST
डूबे कर्ज बढ़ने की...- India TV Paisa
Photo:PTI

डूबे कर्ज बढ़ने की आशंका

नई दिल्ली। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की गैर-निष्पादित आस्तियां यानि एनपीए अगले 12 से 18 माह के दौरान बढ़कर कुल कर्ज के 11 प्रतिशत तक पहुंच सकते हैं। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को यह अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ऋण को डूबे कर्ज के रूप में वर्गीकृत नहीं करने की वजह से दबाव वाली संपत्तियां सामने नहीं आ पा रही हैं। कोविड-19 महामारी की वजह से इन संपत्तियों पर दबाव बना है। एसएंडपी ने कहा कि इस साल कुल कर्ज में एनपीए के अनुपात में काफी गिरावट के बाद वित्तीय संस्थानों के लिए आगे इसे कायम रख पाना मुश्किल होगा।

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की क्रेडिट एनालिस्ट दीपाली सेठ-छाबड़िया ने कहा, ‘‘दूसरी तिमाही में वित्तीय संस्थानों का प्रदर्शन हमारी उम्मीद से बेहतर रहा है। इसकी प्रमुख वजह छह माह तक कर्ज की किस्त के भुगतान पर स्थगन तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा किसी कर्जदार के खाते को गैर-निष्पादित आस्तियों के रूप में वर्गीकृत करने की रोक है।’’ एसएंडपी की रिपोर्ट ‘द स्ट्रेस फ्रैक्चर्स इन इंडियन फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस’ में कहा गया है कि ऋण की किस्त के भुगतान पर रोक की छूट 31 अगस्त, 2020 को समाप्त हो चुकी है। ऐसे में बैंकिंग क्षेत्र का डूबा कर्ज अगले 12 से 18 माह में बढ़कर 10 से 11 प्रतिशत पर पहुंच सकता है। 30 जून, 2020 को यह आठ प्रतिशत पर था।

एसएंडपी ने कहा कि इस साल और अगले वर्ष बैंकिंग प्रणाली की ऋण की लागत 2.2 से 2.9 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी रहेगी। एसएंडपी ने कहा, ‘‘आर्थिक गतिविधियां शुरू होने, लघु और मध्यम आकार के उपक्रमों को सरकार की ओर से ऋण गारंटी और तरलता की बेहतर स्थिति से दबाव कम हो रहा है। हमारा डूबे कर्ज का अनुमान पिछले अनुमान से कम है, इसके बावजूद हमारा विचार है कि वित्तीय क्षेत्र 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष तक इस स्थिति से पूरी तरह उबर नहीं पाएगा।’’ एसएंडपी ने कहा कि तीन से आठ प्रतिशत कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग हो सकती है।

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