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एनपीए निपटान नीति ने पकड़ी रफ्तार, अगले महीने तक हो सकती है घोषणा

बैंकों के डूबे कर्ज से निपटने के लिए सरकार जल्द गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के तेजी से निपटान के लिए उपायों के सेट की घोषणा कर सकती है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: March 26, 2017 17:40 IST
एनपीए निपटान नीति ने पकड़ी रफ्तार, अगले महीने तक हो सकती है घोषणा- India TV Paisa
एनपीए निपटान नीति ने पकड़ी रफ्तार, अगले महीने तक हो सकती है घोषणा

नई दिल्ली। बैंकों के डूबे कर्ज से निपटने के लिए सरकार जल्द गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) के तेजी से निपटान के लिए उपायों के सेट की घोषणा कर सकती है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इन उपायों घोषणा एक पखवाड़े में हो सकती है।

अधिकारी ने कहा, नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसकी घोषणा इस महीने के अंत या अगले महीने के शुरू में हो सकती है। अधिकारी ने कहा कि व्यापक रूप से इस नीति में एकबारगी निपटान की प्रक्रिया के बारे में होगा। बैंकों द्वारा ऊंचे मूल्य के मामलों में तेजी से निपटान में इससे मदद मिलेगी। उसने कहा कि कुल एनपीए में 70 प्रतिशत बड़े ऋण चूक के मामले हैं। अधिकारी ने कहा कि इससे एनपीए के मोर्चे पर स्पष्ट दिशा मिल सकेगी और सरकार दोषियों को सीधे घेरे में ले सकेगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था कि रिजर्व बैंक के साथ एनपीए निपटान व्यवस्था पर काम चल रहा है। इससे ऋण लेने वालों पर उसे चुकाने के लिए पर्याप्त दबाव बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा, आप देखें यह राशि काफी बड़ी है। लेकिन यह एक सीमा में है। ऐसा नहीं है कि सैंकड़ों या हजारों कंपनियों ने यह समस्या पैदा की है। बड़े एनपीए की समस्या मुख्य रूप से 30 से 40 या अधिक से अधिक 50 कंपनियों तक सीमित है। इन 40 – 50 खातों का निपटान किया जाना है।

सूत्रों का कहना है कि तेज निर्णय प्रक्रिया के लिए संयुक्त ऋणदाता मंच (जेएलएफ) में बदलाव किया जा सकता है। मौजूदा जेएलएफ दिशानिर्देशों के अनुसार यदि पुनर्गठन पैकेज को मूल्य के हिसाब से 75 प्रतिशत बैंक और संख्या के हिसाब से 60 प्रतिशत ऋणदाता मंजूरी देते हैं, तो अन्य बैंकों को भी उसे मानना होगा।

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