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ऊनी कपड़ों की बिक्री बढ़ने से कपड़ा उद्योग को राहत, जल्द रिकवरी की उम्मीद

इंडस्ट्री के मुताबिक पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले मांग अभी भी 35 से 40 फीसदी कम है। सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान शादियों के दौरान होने वाली बिक्री में गिरावट से हुआ है, हालांकि इंडस्ट्री को उम्मीद है कि फरवरी से स्थिति सुधरेगी

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: January 19, 2021 22:16 IST
गर्म कपड़ों की बिक्री...- India TV Paisa
Photo:PTI

गर्म कपड़ों की बिक्री बढ़ने से कपड़ा उद्योग को राहत

नई दिल्ली| कोरोना काल में बुरी तरह प्रभावित देश के कपड़ा उद्योग को बढ़ती सर्दी से राहत मिली है। सीजन में ऊनी कपड़ों की मांग में सुधार देखने को मिला है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले कुल बिक्री करीब 40 फीसदी कम है और इसकी मुख्य वजह शादियों और पार्टियों के परिधानों की मांग नदारद है। एशिया में रेडीमेड गार्मेट के सबसे बड़े बाजारों में शुमार दिल्ली के गांधीनगर मार्केट में पिछले साल की तरह चहल-पहल नहीं है। हालांकि बीते त्योहारी सीजन में दिवाली के मौके पर रेडीमेड गार्मेट की बिक्री जोर पकड़ने से बाजार में रौनक रही।

उत्तर भारत में गार्मेट और होजरी की प्रमुख औद्योगिक नगरी लुधियाना में हालांकि त्योहारी सीजन के दौरान पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते रेल परिवहन बंद रहने के कारण कारोबारियों को ऑर्डर समय पर पूरा करने में कठिनाई आई, मगर इस समय ऊनी कपड़ों की मांग निकलने से बहुत हद तक राहत मिली है। मगर, कारोबारी बताते हैं कि पिछले साल के मुकाबले बिक्री करीब 40 फीसदी कम है।

निटवेअर एंड अपेरल मन्युफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ लुधियाना के प्रेसीडेंट सुदर्शन जैन ने बताया कि पंजाब में किसान आंदोलन के चलते जब रेल परिवहन बंद था, उस समय न तो देश के अन्य शहरों के ऑर्डर समय पर कारोबारी पूरा कर पा रहे थे, न ही निर्यात के सौदों की डिलीवरी कर पा रहे थे। मगर, अब किसान आंदोलन से उद्योग पर कोई असर नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के आरंभिक चरण में बाजार बंद होने से कारोबार पर जो असर पड़ा था उसमें काफी कुछ रिकवरी आ गई है, लेकिन पिछले साल की इसी अवधि से अगर तुलना करें तो मांग अभी भी 35 से 40 फीसदी कम है।

वहीं, गांधीनगर के कारोबारियों को आगे शादी का सीजन शुरू होने का इंतजार है। कारोबारी बताते हैं कि कपड़ों की बिक्री मुख्य रूप से शादी के सीजन में जोर पकड़ती है। गांधीनगर स्थित रेडिमेड गार्मेंट मर्चेट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट एस के गोयल ने कहा कि, "इस समय न तो शादी का सीजन है और न ही पार्टी वियर के परिधानों की मांग है। हालांकि उनको उम्मीद है कि अगले महीने फरवरी से रेडीमेड गार्मेट की मांग में कुछ सुधार देखने को मिल सकता है।" गोयल ने कहा कि उम्मीद है कि अगला सीजन अब अच्छा रहेगा और कपड़ा उद्योग में तेजी से रिकवरी आएगी। उन्होंने बताया कि इस समय रेडीमेड गार्मेट की मांग पिछले साल के मुकाबले बमुश्किल से 50 से 60 फीसदी है।

उद्योग संगठनों ने बताया कि भारत में कपड़ा उद्योग कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है, लेकिन कोरोना काल में उद्योग का हाल खस्ता होने से मजदूरों और कारीगरों को भी बेकारी का सामना करना पड़ा। हालांकि उद्योग में रिकवरी आने से मजदूरों और कारीगरों को भी अब रोजगार के साधन मिलने लगे हैं।

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