Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Sebi ने IPO के बाद प्रमोटर्स के लिए लॉक-इन अवधि घटाकर की 18 महीने, कुछ खुलासा जरूरतों को भी किया खत्‍म

Sebi ने IPO के बाद प्रमोटर्स के लिए लॉक-इन अवधि घटाकर की 18 महीने, कुछ खुलासा जरूरतों को भी किया खत्‍म

नियामक ने प्रवर्तकों के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा धारित प्री-आईपीओ सिक्यूरिटीज के लिए न्यूनतम लॉक-इन की अवधि को अलॉटमेंट की तारीख से छह माह कर दिया है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : August 17, 2021 17:52 IST
Sebi cuts lock-in period for promoters to 18 months post-IPO, drops certain disclosure requirements - India TV Paisa
Photo:PTI

Sebi cuts lock-in period for promoters to 18 months post-IPO, drops certain disclosure requirements

नई दिल्‍ली। पूंजी बाजार नियामक सेबी (Sebi) ने प्रवर्तकों के निवेश के लिए प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के बाद न्‍यूनतम लॉक-इन अवधि को कुछ शर्तों के साथ तीन साल से घटाकर 18 महीने कर दिया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब कई कंपनियां अपने आप को स्‍टॉक एक्‍सचेंज पर सूचीबद्ध करवाने की योजना बना रही हैं। इसके अलावा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने समूह कंपनियों के लिए प्रकटीकरण संबंधित जरूरतों को भी सुव्यवस्थित किया है।

एक अधिसूचना में सेबी ने कहा कि यदि निर्गम का मकसद किसी परियोजना के लिए पूंजीगत व्‍यय का वित्‍तपोषण को छोड़ कुछ और है या बिक्री पेशकश है, तो प्रवर्तकों की कम से कम 20 प्रतिशत हिस्‍सेदारी को 18 महीने के लिए लॉक-इन रखना होगा। वर्तमान में लॉक-इन अवधि तीन साल की है।  पूंजीगत व्यय में अन्य के साथ सिविल कार्य, विविध अचल संपत्तियां, भूमि की खरीद, भवन, संयंत्र और मशीनरी आदि शामिल हैं। इसके अलावा प्रवर्तकों की न्यूनतम 20 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी के लिए लॉक-इन अवधि को भी मौजूदा एक साल से घटाकर छह महीने कर दिया गया है।

नियामक ने इसके साथ ही प्रवर्तकों के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा आईपीओ से पूर्व प्राप्त प्रतिभूतियों के लिए भी लॉक-इन अवधि को आवंटन की तिथि से छह माह कर दिया है। वर्तमान में यह अवधि एक साल है। इसके अलावा नियामक ने आईपीओ के समय खुलासा आवश्यकताओं को भी कम कर दिया है। आईपीओ लाने वाली कंपनी की समूह कंपनियों के बारे में पेशकश दस्तावेज में जानकारी दिए जाने की आवश्यकताओं को तर्कसंगत किया गया है। इसमें समूह की सूचीबद्ध और गैर- सूचीबद्ध शीर्ष पांच कंपनियों के वित्तीय खुलासे को छोड़ दिया गया है। यह जानकारी समूह कंपनियों के वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। सेबी के बोर्ड ने इस महीने की शुरुआत में इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद यह कदम उठाया है। इसे प्रभाव में लाने के लिये सेबी ने पूंजी निर्गम और खुलासा आवश्यकता (आईसीडीआर) नियमों में संशोधन किया है।

शेयर अधिग्रहण को लेकर प्रवर्तकों के लिए कुछ खुलासा जरूरतों को हटाया

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कंपनियों के अधिग्रहणकर्ताओं और प्रवर्तकों के लिए कुछ खुलासा जरूरतों को हटा दिया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रणाली चालित खुलासा (एसडीडी) के अमल में आने पर अधिग्रहण नियमों में संशोधन किया है। नए नियम के तहत, अधिग्रहण करने वालों/प्रवर्तकों के लिए शेयरों के अधिग्रहण या निपटान पर कुल पांच प्रतिशत और उसके बाद दो प्रतिशत का कोई भी बदलाव, वार्षिक शेयरधारिता घोषणाएं और अधिग्रहण नियमों के तहत डिपॉजिटरी सिस्टम में पंजीकृत ऋणभार का सृजन या आह्नान या उसे जारी करना लागू नहीं होगा।

नियामक ने 13 अगस्त की एक अधिसूचना में कहा कि संशोधन एक अप्रैल, 2022 से प्रभावी होगा। सेबी के बोर्ड द्वारा इस महीने की शुरुआत में इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। सेबी ने अपनी बोर्ड बैठक में कहा जिन खुलासा जरूरतों की बात की जा रही है उनके लिये एसडीडी पहले से ही है। एसडीडी व्यवस्था के साथ ही इस प्रकार के खुलासों को दस्तावेजी रूप में सौंपे जाने के साथ अधिग्रहण नियमन के तहत चल रही है। 

यह भी पढ़ें: PM Kisan योजना में अगर आपको भी मिले हैं पैसे, तो जानिए आपको कहां और कैसे लौटानी होगी रकम

यह भी पढ़ें: मोबाइल ग्राहक हो जाएं ज्‍यादा कीमत चुकाने के लिए तैयार, जल्‍द तय होगी न्‍यूनतम मूल्‍य सीमा निर्धारित!

यह भी पढ़ें: कच्‍चा तेल सस्‍ता होने पर भी सरकार क्‍यों नहीं घटा रही है पेट्रोल-डीजल के दाम, इस पर वित्‍त मंत्री ने दिया आज बड़ा बयान

यह भी पढ़ें: राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन की घोषणा के बाद आई अच्‍छी खबर, भारत का जुलाई में पाम तेल आयात 43% घटा

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement