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STC ने 14 लाख टन यूरिया आयात का अनुबंध किया, खरीफ सत्र में नहीं होगी उर्वरक की कमी

STC ने 214-217 डॉलर प्रति टन के आधार पर 14 लाख टन यूरिया आयात का अनुबंध किया है, ताकि खरीफ सत्र के दौरान उर्वरक की मांग को पूरा किया जा सके।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: May 30, 2016 18:56 IST
STC ने 14 लाख टन यूरिया आयात का अनुबंध किया, खरीफ सत्र में नहीं होगी उर्वरक की कमी- India TV Paisa
STC ने 14 लाख टन यूरिया आयात का अनुबंध किया, खरीफ सत्र में नहीं होगी उर्वरक की कमी

नई दिल्ली। सरकारी उपक्रम STC ने जुलाई डिलीवरी के लिए 214-217 डॉलर प्रति टन के आधार पर 14 लाख टन यूरिया आयात का अनुबंध किया है, ताकि अगले महीने से शुरू हो रहे खरीफ सत्र के दौरान उर्वरक की मांग को पूरा किया जा सके। देश सालाना करीब 80 लाख टन यूरिया का आयात करता है, ताकि घरेलू मांग पूरी की जा सके।

इंडियन पोटाश लिमिटेड, एमएमटीसी और एसटीसी तीन ऐसी कंपनियां हैं, जो यूरिया आयात के लिए अधिकृत हैं। एमएमटीसी ने 227 डॉलर प्रति टन के भाव पर पहले ही छह लाख टन यूरिया आयात का अनुबंध किया है। एक सूत्र ने कहा, एसटीसी ने 214-217 डॉलर प्रति टन के मूल्य दायरे में करीब 14 लाख टन यूरिया आयात का अनुबंध किया है।  जुलाई के पहले सप्ताह तक इन खेपों के पहुंचने की उम्मीद है।

यह 2014 से अब तक का न्यूनतम स्तर है, जिस पर एसटीसी ने अनुबंध किया है। यह एमएमटीसी द्वारा इस साल अनुबंधित दर से भी कम है। यूरिया आयात का अनुबंध इस साल पिछले साल के मुकाबले काफी कम दर पर जारी किया गया है, जो पिछले साल औसतन करीब 279 डॉलर प्रति टन थी। सूत्र के मुताबिक एमएमटीसी और एसटीसी के आयात के साथ देश में पर्याप्त आपूर्ति की उम्मीद है ताकि खरीफ सत्र के दौरान यूरिया की मांग पूरी की जा सके। यूरिया नियंत्रित जिंस है और इसका बिक्री मूल्य 5,360 रुपए प्रति टन तय किया गया है। सरकार उत्पादन लागत और आयातित मूल्य के बीच के फर्क का भुगतान उद्योग को सब्सिडी भुगतान के तौर पर करती है। देश आयात पर निर्भर है क्योंकि घरेल उत्पादन 230 लाख टन है, जबकि मांग करीब 310 लाख टन है।

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