Thursday, April 18, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहकों के लिए बड़ी खुशखबरी, ब्याज दरों में हुआ बदलाव

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा ने ब्याज दरों में की कटौती की, आपकी ईएमआई होगी कम

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के ​खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है।

India TV Business Desk Written by: India TV Business Desk
Updated on: January 11, 2020 11:39 IST
United Bank of India, UBI, Bank of Baroda, MCLR, Interest Rate, Loan- India TV Paisa

United Bank of India UBI and Bank of Baroda cuts MCLR 

नयी दिल्ली। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के ​खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। यूबीआई ने शुक्रवार को कहा कि उसने विभिन्न परिपक्वता अवधि के कर्ज पर कोष की सीमान्त लागत (एमसीएलआर) आधारित ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कमी है। बैंक ने विज्ञप्ति में कहा कि उसने सभी परिपक्वता अवधि के लिए एमसीएलआर आधारित दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की है। नई दरें 11 जनवरी (शनिवार) 2020 से लागू होंगी। एक वर्ष की अवधि के कर्ज के लिए एमसीएलआर दर 8.10 प्रतिशत होगी। 

यूबीआई ने कहा कि जुलाई 2019 के बाद से बयाज दर में यह लगातार नौवीं कटौती है। इस बीच, बैंक ऑफ बड़ौदा ने शेयर बाजार को बताया कि वह रविवार से एक महीने की अवधि के लिये अपनी एमसीएलआर दर को 7.65 प्रतिशत से घटाकर 7.60 प्रतिशत करेगा। बैंक ने कहा कि अन्य परिपक्वता अवधि के ऋण की दरें पहले की ही तरह रहेंगी।

बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी एमसीएलआर में की कटौती

बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने शेयर बाजार को बताया कि वह रविवार से एक महीने की अवधि के लिए अपनी एमसीएलआर दर को 7.65 प्रतिशत से घटाकर 7.60 प्रतिशत कर दिया है। बैंक ने कहा कि अन्य परिपक्वता अवधि के ऋण की दरें पहले की ही तरह रहेंगी। बैंक ने  बताया है कि एमसीएलआर में इस नए रि​वीजन को 12 जनवरी 2020 से लागू कर दिया जाएगा। इसी के साथ इस बीओबी में एक रात के लिए MCLR टेन्योर के लिए 7.65 फीसदी, एक महीने के ​लिए 7.60 फीसदी, तीन मीहने के लिए 7.80 फीसदी, छह महीने के लिए 8.10 फीसदी और एक साल के ​लिए 8.25 फीसदी हो गया है। इससे पहले 3 जनवरी को इंडि​यन बैंक ने भी ​विभिन्न परिपक्वता अवधि के लिए को रिवाइज किया था। इंडियन बैंक ने 1 रात की परिपक्वता अवधि वाले एमसीएलआर को 7.95 फीसदी से घटाकर 7.90 फीसदी किया था।

ब्याज दरों में कटौती से लोन व ईएमआई होगी कम

एसबीआई समेत कई सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती की है। बैंकों के इस कदम से होम लोन, ऑटो लोन समेत तमाम तरह के कर्ज लेने वाले लोगों को ईएमआई में राहत मिली है। HDFC ने होम लोन की ब्याज दरों में पहले ही 0.05 फीसदी तक कटौती की है। HDFC ने हाउसिंग लोन पर रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (आरपीएलआर) को कम कर दिया है। इसके बाद एडजस्टेबल रेट होम लोन (ARHL) 0.05 फीसदी कम हो गया है। नई दरें 6 जनवरी 2020 से लागू हो गई हैं। HDFC की नई दरें 8.20 फीसदी से नौ फीसदी के दायरे में रहेंगी। वहीं बैंक का यह फैसला नए और पुराने दोनों तरह के ग्राहकों के लिए लागू होगा।

गौरतलब है कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 1 जनवरी 2020 से एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड रेट (EBR) में कटौती करने का ऐलान किया था। इस कटौती के बाद यह 8.05 फीसदी से घटकर 7.80 फीसदी पर आ गई। एसबीआई ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME), हाउसिंग और रिटेल लोन के फ्लोटिंग रेट को ईबीआर से जोड़ने का फैसला किया था। इससे उन लोगों को फायदा होगा, जिन्होंने घर या गाड़ी के लिए लोन लिया हुआ है। एसबीआई के इस कदम से हर महीने दी जाने वाली किस्त में कमी आई है।

ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने भी घटाई थीं दरें

इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र के ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने भी विभिन्न परिपक्वता की अवधि वाले मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (MCLR) में कटौती की है। बैंक ने विभिन्न परिपक्वता अवधि के लिए अपनी कोष की सीमान्त लागत आधारित ऋण दर (MCLR) में 0.05 से 0.15 फीसदी की कटौती की है। ओरिएंटल बैंक ने कहा है कि एक साल की एमसीएलआर को 0.15 फीसदी घटाकर 8.15 फीसदी किया गया है। वहीं 6 महीने की एमसीएलआर में 0.05 से 0.10 फीसदी की कटौती की गई है। एमसीएलआर में कटौती बीते शुक्रवार से लागू हो चुकी है। 

पुराने कस्‍टमर को भी होता है फायदा

MCLR फॉर्मूले का फायदा नए के साथ ही पुराने ग्राहकों को भी मिलता है। जिस कस्‍टमर ने MCLR बदलने से पहले लोन लिया है और उसका लोन लेंडिंग रेट फॉर्मूले से जुड़ा हुआ है, तो MCLR घटने के साथ ही उसकी EMI कम हो जाती है।

ऐसे तय होता है MCLR

जब भी बैंक लेंडिंग रेट तय करते हैं तो वे बदली हुई स्थ‍ितियों में खर्च और मार्जिनल कॉस्ट की भी गणना करते हैं। बैंकों के स्तर पर ग्राहकों की जमा रकम पर दिए जाने वाली ब्याज दर शामिल होती है। MCLR को तय करने के लिए चार फैक्टर को ध्यान में रखा जाता है। इसमें फंड का अतिरिक्त चार्ज भी शामिल होता है। निगेटिव कैरी ऑन CRR भी शामिल होता है। इसमें ऑपरेशन कॉस्ट औक टेन्योर प्रीमियम शामिल होता है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement