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अमेरिकी कॉट्रेक्टकर पर सरकारी काम भारत को आउटसोर्स करने पर 31 लाख डॉलर का जुर्माना

सरकारी फंडेड प्रोजेक्ट गैरकानूनी तौर पर भारत के एक सब कॉन्ट्रेक्टर को सौंपने के संबंध में 31 लाख डॉलर का भारी-भरकम जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया गया है।

Dharmender Chaudhary
Published : Mar 25, 2016 12:35 pm IST, Updated : Mar 25, 2016 12:35 pm IST
अमेरिकी कॉन्ट्रेक्टर पर 31 लाख डॉलर का जुर्माना, सरकारी काम गैरकानूनी तरीके से भारत को किया था आउटसोर्स- India TV Paisa
अमेरिकी कॉन्ट्रेक्टर पर 31 लाख डॉलर का जुर्माना, सरकारी काम गैरकानूनी तरीके से भारत को किया था आउटसोर्स

न्यूयार्क। अमेरिका के एक कॉन्ट्रेक्टर को अमेरिकी सरकार द्वारा दिए गए काम को भारत आउटसोर्स करने की सजा मिली है। सरकार द्वारा फंडेड प्रोजेक्ट गैरकानूनी तौर पर भारत के एक सब कॉन्ट्रेक्टर को सौंपने के संबंध में 31 लाख डॉलर का भारी-भरकम जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया गया है।

गैरकानूनी तरीके से काम देने का आरोप

फोकस्ड टैक्नोलॉजीज इमेजिंग सर्विसेज, इसके एकमात्र स्वामी और पूर्व सह-स्वामी जूली बेनवेयर ने स्वीकार किया कि उन्होंने 2008-2009 में मुंबई के एक सब-कॉन्ट्रेक्टर को काम आउटसोर्स कर कानून का उल्लंघन किया है। एक समझौते के तहत उन्होंने जुर्माना और शुल्क अदा करने पर सहमति जताई। संबंधित विभागों ने कहा कि भारतीय कंपनी ने जांच में स्वेच्छा से पूरा सहयोग किया और वह इस बात से वाकिफ नहीं थी कि उसे यह काम गैरकानूनी तौर पर सौंपा गया है।

भारत को एपीईसी में शामिल कराने में मदद के लिए अमेरिकी कांग्रेस में विधेयक पेश

अमेरिकी सांसदों के एक प्रभावशाली समूह ने भारत को एपीईसी में शामिल करने में मदद का ओबामा प्रशासन से आह्वान करते हुए एक विधेयक पेश किया है। इस समूह का कहना है कि आर्थिक रूप से समृद्ध भारत, एशिया में अमेरिकी रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने में लाभप्रद होगा। एशिया और प्रशांत पर सदन की उप समिति के चेयरमैन मैट सालमोन ने कहा, एपीईसी (एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग) में सदस्यता से भारत को एक रचनात्मक मंच उपलब्ध होगा जिससे वह उन एशियाई देशों से काफी कुछ सीख सकेगा जो अपनी अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने के लिए उल्लेखनीय कदम उठा चुके हैं।

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