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11 कंपनियों ने ₹1 खरब मार्केट कैप के क्लब में मारी एंट्री, 46 कंपनियां पहले से मौजूद, जानें किसने दिखाया दम

एक खरब रुपये मार्केट कैप वाली कंपनियों के क्लब में 11 नई कंपनियों का शामिल होना वित्तीय वर्ष 2023 के मुकाबले 19 प्रतिशत ज्यादा का ग्रोथ दर्शाता है। हालांकि, दो कंपनियां- वेदांता और अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस इस क्लब से बाहर हो गई हैं।

Sourabha Suman Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Updated on: November 09, 2023 11:49 IST
31 मार्च 2023 तक, 48 कंपनियों का एम-कैप या मार्केट कैप 1 ट्रिलियन रुपये और उससे ज्यादा था।- India TV Paisa
Photo:PIXABAY 31 मार्च 2023 तक, 48 कंपनियों का एम-कैप या मार्केट कैप 1 ट्रिलियन रुपये और उससे ज्यादा था।

भारतीय कंपनियों का जोश लगातार हाई है। इसके संकेत ताजा आंकड़े दे रहे हैं। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि बीते सात महीनों में 11 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (Market Cap) 1 खरब (ट्रिलियन) रुपये (1 Trillion market cap companies) के पार चला गया। इस कैटेगरी वाले क्लब ने अब इन कंपनियों ने एंट्री मारी है। हालांकि पहले से 46 कंपनियां इस क्लब में शामिल हो चुकी हैं। हालांकि, दो कंपनियां- वेदांता और अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस इस क्लब से बाहर हो गई हैं। इस वजह से आखिरी संख्या घटकर 57 रह गई। फाइनेंसियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 11 नई कंपनियों का शामिल होना वित्तीय वर्ष 2023 के मुकाबले 19 प्रतिशत ज्यादा है।

कौन सी हैं ये 11 कंपनियां

एक खरब रुपये के क्लब में शामिल होने वाली नई 11 कंपनियों (11 new companies in 1 Trillion market cap) में अडानी पावर, डीएलएफ, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज, वरुण बेवरेजेज, इंडसइंड बैंक, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, जोमैटो, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और सिप्ला शामिल हैं। इनमें से पांच कंपनियां - अदानी पावर, डीएलएफ, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, जोमैटो और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स - समूह में फिर से शामिल हो गई हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक,आमतौर पर, 1 ट्रिलियन रुपये से अधिक एम-कैप वाली फर्मों को लार्ज-कैप स्टॉक माना जाता है।

किसका कितना है मार्केट कैप

खबर के मुताबिक, 31 मार्च 2023 तक, 48 कंपनियों का एम-कैप या मार्केट कैप 1 ट्रिलियन रुपये (1 Trillion market cap companies)और उससे ज्यादा था, जिसमें नए 11 सदस्यों के जुड़ने पर कुल संख्या 59 हो गई। बीते सात महीनों में वित्तीय वर्ष 2024 में सेंसेक्स और निफ्टी 50 ने क्रमशः 10% और 12% का रिटर्न दिया, जबकि BSE मिडकैप और BSE स्मॉलकैप ने क्रमशः 35% और 42% का रिटर्न दिया है। अदानी पावर का एम-कैप सबसे अधिक 1.52 ट्रिलियन रुपये, डीएलएफ का 1.47 ट्रिलियन रुपये और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का एम-कैप 1.37 ट्रिलियन रुपये था। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज, जो 21 अगस्त को भारतीय बाजारों में सूचीबद्ध हुई, उसी दिन 1 ट्रिलियन रुपये के आंकड़े पर पहुंच गई। आज इसका एम-कैप 1.36 ट्रिलियन रुपये है।

एम-कैप के हिसाब से टॉप 10 कंपनियां में 15.81 ट्रिलियन रुपये के एम-कैप के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले नंबर पर हैं, इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस यानी टीसीएस 12.37 ट्रिलियन रुपये और एचडीएफसी बैंक 11.32 ट्रिलियन रुपये हैं। 31 मार्च, 2023 के बाद से बीएसई पर कुल एम-कैप 62.3 ट्रिलियन रुपये या 24 प्रतिशत बढ़कर 320.5 ट्रिलियन रुपये हो गया।

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