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बजट से पहले ई-रुपये को लेकर रिजर्व बैंक की ओर से आया बड़ा बयान, जानिए क्या है RBI की प्लानिंग

फिलहाल वैश्विक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 95 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने वाले 115 देश डिजिटल मुद्रा की संभावना टटोल रहे हैं। करीब 60 देश इस मामले में काफी आगे बढ़ चुके हैं।

Sachin Chaturvedi Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: January 27, 2023 14:31 IST
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Photo:FILE Digital Rupee

रिजर्व बैंक ने बीते साल नवंबर और दिसंबर में चरणबद्ध तरीके से भारत की अपनी डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया है। इसके बाद रिजर्व बैंक तेजी से इसके विस्तार पर काम कर रही है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी ने बुधवार को कहा कि डिजिटल मुद्रा (ई-रुपया) डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगी, भुगतान व्यवस्था कुशल होगी और भौतिक स्तर पर नकदी प्रबंधन की लागत में कमी आएगी। साथ ही इससे वित्तीय समावेशन भी बढ़ेगा। 

चौधरी ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा-भारत की कहानी’ विषय पर सेमिनार को संबोधित करते यह बात कही। जी-20 के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचा कार्यसमूह की दो दिन की बैठक से पहले यह कार्यक्रम आयोजित किया। बैठक 30-31 जनवरी को होगी। आरबीआई ने पिछले साल पायलट आधार पर थोक और खुदरा क्षेत्रों में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) शुरू की। 

चौधरी ने कहा कि सीबीडीसी केवल भौतिक मुद्रा का डिजिटल रूप है और मुद्रा की सभी विशेषताएं इसमें हैं। उन्होंने कहा कि इसमें अन्य मुद्रा की तरह ब्याज नहीं मिलता। ई-रुपये (डिजिटल मुद्रा) में सौदों के निपटान और सुरक्षा जैसी मुद्रा की अन्य विशेषताएं होने की उम्मीद है। 

चौधरी ने यह भी कहा कि डिजिटल मुद्रा का मकसद रुपये के मौजूदा स्वरूप का पूरक होना है न कि उसकी जगह लेना। केंद्रीय बैंक के अधिकारी ने कहा कि फिलहाल वैश्विक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 95 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने वाले 115 देश डिजिटल मुद्रा की संभावना टटोल रहे हैं। करीब 60 देश इस मामले में काफी आगे बढ़ चुके हैं। इसमें से कुछ पायलट आधार पर या उसे जारी करने के चरण में हैं। चौधरी ने कहा कि जी-20 देशों में 18 इसमें संभावना टटोल रहे हैं जबकि भारत समेत सात देश पहले से ही पायलट आधार पर इसे शुरू कर चुके हैं।

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