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अमेरिका के साथ ट्रेड डील करते समय सावधानी बरते भारत, कमर्शियल खरीदारी का बना सकता है दबाव, GTRI ने दिया सुझाव

यदि ब्रिटेन-अमेरिका समझौता एक ब्लूप्रिंट तैयार करता है, तो संभावना है कि अमेरिका अपने खुद के एक छोटे-से समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत पर दबाव डाल सकता है।

Written By: Pawan Jayaswal
Published : May 10, 2025 02:37 pm IST, Updated : May 10, 2025 02:37 pm IST
भारत-अमेरिका ट्रेड डील- India TV Paisa
Photo:FILE भारत-अमेरिका ट्रेड डील

भारत को अमेरिका-ब्रिटेन व्यापार समझौते से सीख लेनी चाहिए और अमेरिका के साथ समझौता करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समझौता पारस्परिक, संतुलित हो और केवल राजनीतिक विचारों से प्रेरित न हो। शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने शनिवार को यह कहा। जीटीआरआई ने कहा कि आठ मई को अमेरिका और ब्रिटेन के बीच घोषित सीमित व्यापार समझौते से संकेत मिलते हैं कि वाशिंगटन अन्य प्रमुख साझेदारों, खासकर भारत के साथ किस तरह की व्यापार व्यवस्था कर सकता है।

ब्रिटेन ने अमेरिका को टैरिफ में दी हैं बड़ी रियायतें

उसने कहा कि करीब से देखने पर पता चलता है कि ब्रिटेन ने अमेरिका को टैरिफ में व्यापक रियायतें दी हैं, जबकि अमेरिका ने बदले में बहुत कम पेशकश की है। जीटीआरआई ने कहा, “यदि ब्रिटेन-अमेरिका समझौता एक खाका तैयार करता है, तो संभावना है कि अमेरिका अपने खुद के एक छोटे-से समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत पर दबाव डाल सकता है। यह बहुत बाद में आने वाले पूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के बजाय शुल्क कटौती और प्रमुख रणनीतिक प्रतिबद्धताओं पर केंद्रित होगा।”

इन उत्पादों पर टैरिफ घटाने को कह सकता है अमेरिका

इसमें यह भी चेतावनी दी गई है कि भारत से सोयाबीन, एथनॉल, सेब, बादाम, अखरोट, किशमिश, एवोकाडो, स्पिरिट, कई जीएम (आनुवांशिक रूप से संशोधित) उत्पाद तथा मांस और पोल्ट्री सहित संवेदनशील कृषि उत्पादों पर टैरिफ कम करने के लिए कहा जा सकता है। वाहन पर टैरिफ रियायतें भी अपेक्षित हैं, क्योंकि भारत ने छह मई को घोषित अपने हालिया समझौते के तहत ब्रिटेन के चुनिंदा वाहनों पर टैरिफ को 100 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की है।

कमर्शियल खरीद के लिए दबाव डालेगा अमेरिका

जीटीआरआई के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा, “ब्रिटेन की तरह, अमेरिका भी भारत पर बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक खरीद के लिए दबाव डालेगा। इसमें तेल, एलएनजी, बोइंग से सैन्य और नागरिक विमान, हेलीकॉप्टर या यहां तक ​​कि परमाणु रिएक्टर भी शामिल हो सकते हैं।” उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत करते समय सावधानी से कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने जैतून के तेल से लेकर एथनॉल तक 2,500 से ज़्यादा अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने पर सहमति जताई है। इसके ठीक उलट, अमेरिका ने ब्रिटेन की 100 से भी कम वस्तुओं पर टैरिफ कम किया है। फिर भी, ज़्यादातर कटौतियां पूरी तरह खत्म होने के बजाय मूल 10 प्रतिशत पर ही रुक जाती हैं।

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