अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत समेत सभी बिक्स (BRICS) देशों पर 10 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया जाएगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत कोई भी व्यापार समझौता समयसीमा के आधार पर नहीं करता है और समझौते को तभी स्वीकार करेगा जब ये पूरी तरह से अंतिम रूप ले लेगा, उचित रूप से संपन्न हो जाएगा और राष्ट्रीय हित में होगा।
सराफ ने कहा कि शुल्क निलंबन की अवधि बहुत कम है। भारतीय निर्यातकों को निर्यात बढ़ाने के लिए नए बाजार तलाशने चाहिए।
बीएसई सेंसेक्स मंगलवार को शुरुआती कारोबार में 40.56 अंक टूटकर 83,401.94 अंक पर ट्रेड कर रहा है। वहीं एनएसई निफ्टी 7.20 अंक टूटकर 25,454.10 पर खुला है।
भारत ने कृषि और डेयरी उत्पादों पर अमेरिका को शुल्क रियायतें देने पर अपना रुख कड़ा कर लिया है क्योंकि दोनों ही संवेदनशील विषय हैं।
अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता के सकारात्मक परिणाम बाजार की धारणा को और बेहतर बना सकते हैं।
एग्रीकल्चर सेक्टर में, अमेरिका डेयरी उत्पादों, सेब, पेड़ों से प्राप्त मेवों और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों जैसे उत्पादों पर शुल्क में रियायतें चाहता है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हॉवर्ड लुटनिक दोनों ने ही समझौते के बारे में कोई डिटेल साझा नहीं की है।
अमेरिका भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है और भारत के पक्ष में व्यापार अधिशेष की स्थिति है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में नौकरियां अमेरिका को होने वाले निर्यात से जुड़ी हैं।
हॉवर्ड लुटनिक ने कहा, ''अगर आप रूस से अपने हथियार खरीदने जा रहे हैं तो ये अमेरिका को नाराज करने का एक तरीका है।''
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 26 फीसदी टैरिफ पर 9 जुलाई को खत्म होने वाली रोक से पहले दोनों पक्ष प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर अंतरिम सहमति बनाना चाहते हैं।
अमेरिका और भारत के बीच जल्द ही ट्रेड डील पर फैसला हो सकता है। हालांकि, भारत की ओर से इस डील को लेकर कोई आधिकारिक बयान अभी नहीं आया है।
जिनेवा में जारी एक जॉइंट स्टेटमेंट के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाओं ने दोनों देशों में निर्मित वस्तुओं पर टैरिफ को अस्थायी रूप से कम करने पर सहमति व्यक्त की है।
बातचीत का उद्देश्य अमेरिका और चीन, दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच लंबे समय से चल रहे व्यापार विवाद को कम करना है।
यदि ब्रिटेन-अमेरिका समझौता एक ब्लूप्रिंट तैयार करता है, तो संभावना है कि अमेरिका अपने खुद के एक छोटे-से समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत पर दबाव डाल सकता है।
ट्रंप ने इस ट्रेड डील के तहत ब्रिटेन के ऑटो, स्टील और एल्युमीनियम उत्पादों पर टैरिफ कम करने और अमेरिका से ब्रिटेन को अधिक बीफ (गोमांस) खरीदे जाने पर सहमति जताई है।
प्रस्तावित समझौते में भारत कपड़ा, रत्न, वाहन (विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहन), वाइन, पेट्रोकेमिकल उत्पाद, डेयरी और सेब जैसे कृषि उत्पादों पर शुल्क रियायतें चाहता है।
भारत अमेरिका से अनुरोध कर सकता है कि वह उसे ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और जापान जैसे अन्य प्रमुख सहयोगियों के समान दर्जा प्रदान करे।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह किसी भी व्यापार वार्ता में चीन के प्रति "बहुत अच्छे" होने की योजना बना रहे हैं और यदि दोनों देश किसी समझौते पर पहुंचते हैं, तो टैरिफ कम हो जाएंगे।
भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए टीओआर में लगभग 19 अध्याय हैं। इनमें शुल्क, सामान, गैर-शुल्क बाधाएँ और सीमा शुल्क सुविधा जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है।
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