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इंडोनेशिया ने रोका पाम ऑयल का निर्यात, खाने का तेल ही नहीं साबुन-शैम्पू, टूथपेस्ट समेत ये सब होंगे महंगे

भारत में खाने के तेल में पाम ऑयल की मिक्सिंग की जाती है। इसके अलावा पाम ऑयल का इस्तेमाल डिटर्जेंट, कॉस्मेटिक, लिपस्टिक, साबुन-शैम्पू, टूथपेस्ट और बायो फ्यूल के तौर पर किया जाता है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : April 25, 2022 14:04 IST
palm oil- India TV Paisa
Photo:FILE

palm oil

Highlights

  • भारत में खाने के तेल में पाम ऑयल की मिक्सिंग की जाती है
  • पाम ऑयल का इस्तेमाल डिटर्जेंट, टूथपेस्ट और बायो फ्यूल के तौर पर किया जाता है
  • चॉकलेट, कॉफी, नूडल्स और आइसक्रीम के उत्पादन में भी पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है

नई दिल्ली। इंडोनेशिया ने अपने देश में घरेलू कमी को कम करने और आसमान छूती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पाम ऑयल और उसके कच्चे माल के निर्यात पर 28 अप्रैल से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। दरअसल, इन दिनों इंडोनेशिया भारी महंगाई की मार झेल रहा है। गुरुवार को ही इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सैकड़ों लोगों ने खाने की चीजों की महंगाई के विरोध में प्रदर्शन किया था। इंडोनेशिया के इस प्रतिबंध से भारतीय बाजार पर ब्यापक असर होने की आशंका है। खाने का तेल समेत शैम्पू-साबुन कई जरूरत के सामान महंगे हो जाएंगे। 

ये सारे सामान महंगे हो जाएंगे  

भारत में खाने के तेल में पाम ऑयल की मिक्सिंग की जाती है। इसके अलावा पाम ऑयल का इस्तेमाल डिटर्जेंट, प्लास्टिक, कॉस्मेटिक, लिपस्टिक, साबुन-शैम्पू, टूथपेस्ट और बायो फ्यूल के तौर पर किया जाता है। खाने के तेल के अलावा चॉकलेट, कॉफी, नूडल्स और आइसक्रीम के उत्पादन में भी इसका जमकर इस्तेमाल होता है। यानी ये सारे उत्पाद महंगे हो जाएंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत हर साल 1.3 करोड़ टन रसोई के तेल का आयात करता है, जिसका 63 फीसदी हिस्सा यानी 8.5 लाख टन पाम ऑयल होता है। 

कंपनियों पर बढ़ेगा बोझ 

भारत अपने कुल आयात का 70 फीसदी पाम ऑयल इंडोनीशिया से खरीदता है। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने 83.1 लाख टन पाम तेल आयात किया था। अब जब इंडोनेशिया से पाम ऑयल का आयात नहीं होगा तो इसकी कीमत बढ़ेगी। इसके चलते इसके इस्तेमाल होने वाले उत्पाद की कीमत बढ़ेगी। यानी कंपनियों पर बोझ बढ़ेगा और वे इसकी भरपाई सामान की कीमत में बढ़ोतरी कर करेंगे। 

घरेलू बाजार में बढ़ने लगी कीमत 

 

इंडोनेशिया से पाम ऑयल निर्यात रोकने की खबर के बाद घरेलू स्तर पर सभी खाद्य तेलों में तेजी देखने को मिल रही है। सरसों तिलहन में 100 रुपये प्रति क्विंटल, मूंगफली तेल मिल डिलीवरी 50 रुपये प्रति क्विंटल और मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 15 रुपये प्रति टिन बढ़ गया है। सोयाबीन तेल मिल डिलीवरी 150 रुपये प्रति क्विंटल, सोयाबीन मिल डिलीवरी 200 रुपये और सोयाबीन तेल डीगम 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गया है। पामोलिन आरबीडी 300 रुपये प्रति क्विंटल और पामोलिन एक्स कांडला 400 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा है। 

इन कंपनियों पर पड़ेगा असर

पाम ऑयल निर्यात बंद होने से यूनीलीवर पर तगड़ा असर होगा और कंपनी के प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं।

चॉकलेट बनाने वाली कंपनी नेस्ले ने 2020 में करीब 4.53 लाख टन पाम ऑयल खरीदा था। इसमें से अधिकतर पाम ऑयल इंडोनेशिया से आया था। अब इसके बंद होने से कंपनी के उत्पाद महंगे होंगे। 

प्रॉक्टर एंड गैंबल ने 2020-21 में करीब 6.05 लाख टन पाम ऑयल खरीदा। इसका इस्तेमाल कंपनी के फैब्रिक, होम केयर कैटेगरी और कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में होता है।

ओरियो बिस्कुट बनाने वाली कंपनी मॉन्डलेज इंटरनेशल भी भारी मात्रा में पाम ऑयल खरीदती है।

डैनॉन कंपनी ने 2018 में 71 हजार टन पाम ऑयल खरीदा था।

लॉरियल कंपनी ने 2021 में 310 टन पाम ऑयल खरीदा, जिसका इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स में होता है।

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