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Perplexity AI ने क्रोम ब्राउजर खरीदने के लिए गूगल को दिया 34.5 अरब डॉलर का ऑफर, जानें क्या है पूरा मामला

अमेरिकी जिला न्यायालय ने पिछले साल अपने फैसले में कहा था कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च में एक अवैध एकाधिकार बनाए रखा है।

Written By: Sunil Chaurasia
Published : Aug 13, 2025 02:23 pm IST, Updated : Aug 13, 2025 02:23 pm IST
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Photo:X.COM/ARAVSRINIVAS चेन्नई में जन्मे पर्प्लेक्सिटी के को-फाउंडर और सीईओ अरविंद श्रीनिवास कंप्यूटर साइंटिस्ट हैं

Perplexity AI ने मंगलवार को गूगल के वेब ब्राउजर क्रोम को खरीदने के लिए 34.5 अरब डॉलर का ऑफर दिया। बताते चलें कि गूगल को प्रतिस्पर्धा-विरोधी कार्यवाही के तहत क्रोम को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। एएफपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पर्प्लेक्सिटी द्वारा लेंटर ऑफ इंटेन्ट में प्रस्तावित 34.5 अरब डॉलर की भारी-भरकम राशि, खुद की वैल्यू से लगभग दोगुनी है। अभी हाल की एक फंडिंग में पर्प्लेक्सिटी की वैल्यू करीब 18 अरब डॉलर थी।

सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने लेटर में क्या कहा

पर्प्लेक्सिटी के को-फाउंडर और सीईओ अरविंद श्रीनिवास ने लेटर में कहा, "ये प्रस्ताव सर्वोच्च जनहित में प्रतिस्पर्धा-विरोधी उपाय को संतुष्ट करने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें क्रोम को निरंतरता, खुलेपन और उपभोक्ता संरक्षण पर केंद्रित एक सक्षम, स्वतंत्र ऑपरेटर प्रदान किया गया है।"

अमेरिकी जिला न्यायालय ने लिया था ऐतिहासिक फैसला

बताते चलें कि गूगल पिछले साल एक ऐतिहासिक फैसले के बाद अमेरिकी जिला न्यायालय के जज अमित मेहता के फैसले का इंतजार कर रहा है कि वो क्या उपाय लागू करे। फैसले में कहा गया था कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च में एक अवैध एकाधिकार बनाए रखा है। अमेरिकी सरकार के वकीलों ने गूगल से क्रोम ब्राउजर को बेचने का आह्वान किया है, उनका तर्क है कि एआई इंटरनेट में एक प्रमुख माध्यम के रूप में इस तकनीकी दिग्गज के प्रभुत्व को बढ़ाने के लिए तैयार है। गूगल ने अमित मेहता से विनिवेश को अस्वीकार करने का आग्रह किया है और इस मामले में उनका फैसला महीने के अंत तक आने की उम्मीद है। 

पर्प्लेक्सिटी के प्रस्ताव पर क्या है एनालिस्ट्स की राय

बेयर्ड इक्विटी रिसर्च के रिसर्च एनालिस्ट्स ने निवेशकों को लिखे एक नोट में कहा कि पर्प्लेक्सिटी का प्रस्ताव क्रोम का बहुत कम मूल्यांकन करता है और इसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। बेयर्ड के एनालिस्ट्स का मानना है कि चूंकि पर्प्लेक्सिटी के पास पहले से ही क्रोम के साथ कॉम्पिटीशन करने वाला एक ब्राउजर है, इसलिए सैन फ्रांसिस्को स्थित ये स्टार्टअप अन्य ब्राउजरों को बोली लगाने के लिए प्रेरित करने या प्रतिस्पर्धा-विरोधी मामले में लंबित फैसले को प्रभावित करने की कोशिश कर सकता है।

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