Loan Recovery: वाहन ऋण के मामले में लोन न चुकाने पर कंपनियां आपकी कार, बाइक, स्कूटर से लेकर ट्रैक्टर तक जब्त कर लिया करती हैं। लेकिन हाल ही में लोन रिकवरी एजेंटों की मनमानी का दर्दनाक किस्सा सामने आया है, जिसने आम आदमी से लेकर रिजर्व बैंक की चिंता बढ़ा दी हैं। महिंद्रा फाइनेंस की घटना सामने आने के बाद अब रिजर्व बैंक ने रिकवरी एजेंटों की सेवा लेने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
क्या है रिजर्व बैंक का ताजा आदेश
लोन रिकवरी की प्रक्रिया को लेकर रिजर्व बैंक ने खास निर्देश बैंकों और एनबीएफसी को दिए हैं। रिजर्व बैंक के ताजा निर्देश के अनुसार अब एनबीएफसी या कर्ज देने वाली संस्था लोन न चुकाने पर जब्त किए जाने वाले वाहनों की रिकवरी के लिए तीसरे पक्ष की मदद नहीं ले सकते हैं। रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसका यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है और अगले आदेश तक जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महिंद्रा ने बदली पॉलिसी
महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड ने कहा है कि वाहनों को फिर से कब्जे में लेने के लिए उसने तीसरे पक्ष के एजेंटों की सेवा लेना बंद कर दिया है। महिंद्रा फाइनेंस ने गुरूवार देर रात बताया कि वाहनों के पुनः कब्जे के मामले में तीसरे पक्ष के अनुपालन के लिए उसकी एक विस्तृत नीति है। महिंद्रा फाइनेंस के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रमेश अय्यर ने एक बयान में कहा, ‘‘हाल में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मद्देनजर वाहनों को वापस अपने कब्जे में लेने के काम के लिए हमने तीसरे पक्ष की सेवा लेना बंद कर दिया है। तीसरे पक्ष के एजेंटों का भविष्य में किस तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है इस पर अभी और विचार करेंगे।’’
क्या है मामला
महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (एमएमएफएसएल) को तीसरे पक्ष के एजेंटों के जरिए ऋण वसूली या संपत्ति वापस कब्जे में लेने से रोक दिया गया। भारतीय आरबीआई का यह फैसला झारखंड के हजारीबाग जिले में एक गर्भवती महिला (27) की मौत के बाद आया है, जिसे पिछले हफ्ते वसूली एजेंटों ने कथित तौर पर ट्रैक्टर के पहियों के नीचे कुचलकर मौत के घाट उतार दिया था।