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शुरू हुई RBI-MPC की बैठक, क्या 5 साल बाद घटाई जाएंगी ब्याज दरें? जानिए क्या कह रहे एक्सपर्ट्स

RBI MPC meeting : हर दो महीने में होने वाली आरबीआई एमपीसी की बैठक शुरू हो गई है। इस बार 5 साल बाद रेपो रेट में कटौती की जा सकती है।

Written By: Pawan Jayaswal
Published : Feb 05, 2025 05:02 pm IST, Updated : Feb 05, 2025 05:02 pm IST
आरबीआई गवर्नर- India TV Paisa
Photo:FILE आरबीआई गवर्नर

RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की दो महीने पर होने वाली बैठक बुधवार से शुरू हो गई है। इस बार इस बैठक से बड़ी उम्मीदें है। माना जा रहा है कि 5 साल बाद आरबीआई प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो पर्सनल लोन से लेकर ऑटो लोन तक सभी तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। एक्सपर्ट्स रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। रिजर्व बैंक ने इससे पहले मई, 2020 में रेपो दर को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत किया था। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि अर्थव्यवस्था को कोविड महामारी और उसके बाद के लॉकडाउन के संकट से निपटने में मदद मिल सके।

रेट कट के लिए यह सबसे सही समय

इसके बाद आरबीआई ने मई, 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रेपो रेट में वृद्धि का सिलसिला शुरू किया था जो मई, 2023 तक चला। अभी रेपो दर 6.5 प्रतिशत है। आरबीआई के नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। छह सदस्यीय समिति के फैसले की घोषणा सात फरवरी शुक्रवार को की जाएगी। एक्सपर्ट्स की राय है कि रेपो रेट में कटौती के लिए यह अनुकूल समय है, क्योंकि यह खपत आधारित डिमांड को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट में घोषित उपायों के पूरक के रूप में काम करेगा। एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में घटकर 4.5 प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष में औसतन 4.8 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद है। 

पहले चरण में कुल 0.75% हो सकता है रेट कट

रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी के महंगाई के आंकड़े 4.5 प्रतिशत के आसपास बने हुए हैं। भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक विभाग की रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है,‘‘हमें फरवरी, 2025 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है। फरवरी और अप्रैल में दो बार कटौती के साथ नीतिगत दर में कुल 0.75 प्रतिशत की कटौती की जा सकती है। उसके बाद यथास्थिति रखने के बाद नीतिगत दर में कटौती का दूसरा दौर अक्टूबर, 2025 से शुरू हो सकता है।’’

किस स्थिति में टाला जा सकता है रेट कट?

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा,‘‘हमें नहीं लगता कि केंद्रीय बजट में किए गए राजकोषीय प्रोत्साहन का महंगाई पर महत्वपूर्ण असर होगा। हमें लगता है कि स्थिति फरवरी, 2025 की मौद्रिक नीति समीक्षा में दर में कटौती के पक्ष में है।’’नायर ने कहा कि हालांकि, अगर वैश्विक कारक इस सप्ताह के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में और अधिक कमजोरी का कारण बनते हैं, तो नीतिगत दर में कटौती अप्रैल, 2025 तक टल सकती है।

(पीटीआई/भाषा के इनपुट के साथ)

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