दुनिया की लग्जरी और डिफेंस इंजिनियरिंग की सबसे प्रमुख कंपनियों में से एक Rolls-Royce अब भारत में अपना नया अध्याय शुरू करने जा रही है। कंपनी के CEO तुफान एरगिनबिलजिक (Tufan Erginbilgic) ने बुधवार को कहा कि Rolls-Royce की बड़ी चाहत हैं कि भारत को वह अपना होम मार्केट बनाए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और ब्रिटेन अगली पीढ़ी के फाइटर जेट इंजन के को-डेवलपमेंट प्रोग्राम पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
Rolls-Royce के CEO तुफान एरगिनबिलजिक, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) के साथ इस समय भारत यात्रा पर हैं। मुंबई में बुधवार को उन्होंने कहा कि हमारी बड़ी चाहत है कि भारत Rolls-Royce का घर बने। हम अपने मजबूत और सफल पार्टनरशिप पर आगे बढ़ते हुए भारत में नई क्षमताएं विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि Rolls-Royce की टेक्नोलॉजी भारत की 'विकसित भारत' की यात्रा को तेज करने में मदद करेगी।
भारत-UK के बीच अगली पीढ़ी के फाइटर इंजन की डील
भारत सरकार नेक्स्ट जेनरेशन के फाइटर जेट इंजन के को-डेवलपमेंट के लिए ब्रिटेन के साथ करार पर विचार कर रही है। अगर यह सौदा पक्का होता है, तो Rolls-Royce किसी भारतीय कंपनी के साथ साझेदारी में यह इंजन तैयार कर सकती है। Rolls-Royce दुनिया की उन कुछ चुनिंदा कंपनियों में से एक है, जो फाइटर जेट इंजिन बनाती हैं. यानी यह सपोर्ट भारत की डिफेंस सेल्फ-रिलायंस को एक बड़ा बूस्ट दे सकता है।
भारत में बनेगा Rolls-Royce का सबसे बड़ा कैपेबिलिटी हब
कंपनी ने हाल ही में भारत में अपना ग्लोबल कैपेबिलिटी एंड इनोवेशन सेंटर विस्तारित किया है। यह सेंटर डिजिटल, इंजीनियरिंग और एंटरप्राइज सर्विसेज जैसी सुविधाएं प्रदान करता है। Rolls-Royce के मुताबिक, यह सेंटर आने वाले समय में कंपनी का सबसे बड़ा ग्लोबल हब बनेगा, जो सिविल, डिफेंस और पावर सिस्टम्स बिजनेस को सपोर्ट करेगा। कंपनी ने बताया कि वह 2030 तक भारत से अपनी सप्लाई चेन सोर्सिंग को दोगुना करने की दिशा में काम कर रही है। साथ ही, लोकल टैलेंट डेवलपमेंट और स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के जरिए इन-कंट्री मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाया जा रहा है।
भारत-UK पार्टनरशिप पर बोले दोनों देश
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने Rolls-Royce को ब्रिटिश एक्सीलेंस का प्रतीक बताते हुए कहा कि कंपनी का भारत में विस्तार दोनों देशों के आर्थिक और तकनीकी रिश्तों को नई ऊंचाई देगा। उन्होंने कहा कि Rolls-Royce का भारत में ग्रोथ के लिए समर्पण, हमारे प्लान फॉर चेंज स्ट्रैटेजीको मजबूती देगा और दोनों देशों के लिए रोजगार और विकास के नए मौके पैदा होंगे।
9 दशकों की विरासत, अब आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम
Rolls-Royce ने कहा कि वह पिछले 90 सालों से भारत में काम कर रही है और अब अपने कारोबार का नया दौर शुरू कर रही है। कंपनी सिविल एविएशन, डिफेंस और एनर्जी जैसे सेक्टर में अपनी मौजूदगी को और मजबूत बना रही है। आने वाले सालों में Rolls-Royce का टारगेट है कि वह भारत को पावर, सुरक्षा और बेहतर कनेक्टिविटी दे।
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