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बाजार में सन्नाटा, बढ़ती महंगाई और कम होते नौकरी के मौके; क्या भारत में भी आएगी मंदी?

Indian Market: कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण हालात पैदा होने से अप्रैल के महीने में संगठित क्षेत्र (Organized Sector) में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या में एक साल पहले की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published : May 10, 2023 22:18 IST, Updated : May 10, 2023 22:18 IST
Recession in India- India TV Paisa
Photo:FILE Recession in India

Recession in India: दुनिया के कई देश मंदी के चपेट में आ चुके हैं। विश्व की कई बड़ी एजेंसियां भारत को लेकर जारी किए अपने रिपोर्ट में कह रही हैं कि इंडिया मंदी के चपेट में नहीं आएगा, लेकिन हाल में जो आंकड़ें सामने आए हैं, वो इस रिपोर्ट पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। जब बाजार से रोजमर्रा की चीजों की खरीद कम होती है तो इसका मतलब ये समझा जाता है कि लोग खर्च में कमी कर रहे हैं और सेविंग पर फोकस कर रहे हैं। यह उस स्थिति में अधिक देखने को मिलता है जब बाजार से नौकरियां धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। ग्रामीण भारत में रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पादों (एफएमसीजी) की खपत में लगातार छह तिमाहियों तक गिरने के बाद जनवरी-मार्च 2023 की तिमाही में बढ़ी है। हालांकि यह बढ़ोतरी उत्साहजनक नहीं है। आंकड़ा विश्लेषक फर्म एनआईक्यू ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है कि ग्रामीण बाजार की FMCG उत्पादों की बिक्री में लगभग 35 प्रतिशत हिस्सेदारी है। एनआईक्यू की रिपोर्ट एफएमसीजी पर तिमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि कीमत वृद्धि में कमी के साथ ग्रामीण बाजार में खपत में वृद्धि हुई है, लेकिन जिस स्पीड में नौकरियां जा रही हैं। आगे भी ऐसी स्थिति कायम रहे, यह कहना मुश्किल है।

तेजी से घट रही नौकरी

रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण बाजार में खपत छह तिमाहियों के बाद पहली बार 0.3 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि हुई है, जबकि शहरी बाजारों में 5.3 प्रतिशत की गति बनी हुई है। ग्रामीण बाजार में एफएमसीजी उत्पादों की खपत में इससे पहले वृद्धि अप्रैल-जून 2021 की तिमाही में हुई थी। उसके बाद अक्टूबर-दिसंबर 2022 तिमाही तक इसमें लगातार गिरावट आई थी। ग्रामीण और शहरी बाजारों ने एफएमसीजी उद्योग ने कुल मिलाकर मात्रा के लिहाज से 3.1 प्रतिशत तथा मूल्य के हिसाब से 10.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। वहीं जब बाजार में नौकरी की स्थिति पर नजर डालते हैं तो निराशा दिखाई पड़ती है। कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण हालात पैदा होने से अप्रैल के महीने में संगठित क्षेत्र (Organized Sector) में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या में एक साल पहले की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है। एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है।

ऑनलाइन भर्तियों में छह प्रतिशत की गिरावट

रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद अप्रैल में इनोवेशन-आधारित स्टार्टअप फर्मों में भर्तियों में खासी तेजी देखी गई। फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर (FIT) पर आधारित यह रिपोर्ट कहती है कि एक साल पहले की तुलना में अप्रैल 2023 में संगठित क्षेत्र में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या छह प्रतिशत गिर गई, लेकिन नए एवं उभरते क्षेत्रों में नौकरियों के लिए अधिक आवेदन मांगे गए। फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शेखर गरिसा ने कहा कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने कारोबार के लिए चुनौतीपूर्ण वातावरण पैदा कर दिया है और इसकी वजह से उन्हें तेजी से बदलते माहौल के अनुरूप खुद को ढालना पड़ रहा है।

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