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Minimum Amount Due : क्रेडिट कार्ड का मिनिमम ड्यू पेमेंट है कर्ज का जंजाल, डिटेल में जानिए इसके नुकसान

मिनिमम अमाउंट का अर्थ होता है कि यदि आप पूरा बिल न चुका पाएं तो इतनी राशि भी चुका सकते हैं।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 20, 2022 18:31 IST
Credit Card Payment- India TV Paisa
Photo:FILE

Credit Card Payment

आज के समय में आपकी इनकम भले ही निश्चित हो लेकिन आपको पेमेंट करने के ​ढेरों विकल्प मिल जाएंगे। सीमित आय और बड़ी चाहत के इसी अंतर को खत्म करता है क्रेडिट कार्ड। आपको भले ही कोई लाख समझाए लेकिन जब किसी महंगी चीज़ पर आपका दिल आ जाता है तो क्रेडिट कार्ड (Credit Card) उसकी ख्वाहिश पूरी करने के काम आता है। 

खर्च करते वक्त हम शायद भूल जाते हैं कि इसका बिल (Credit Card Bill) भी आएगा और आपको इसका भुगतान भी करना होगा। क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपके दिल दिमाग और जेब की दूरी को अच्छी तरह से समझती हैं। यही कारण है कि ये कंपनियां आपको एक सहूलियत देती हैं, जिसे वे मिनिमम अमाउंट ड्यू करती हैं।

बिल में आपको लुभाता है मिनिमम ड्यू

यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड बिल को ध्यान से देखें तो इसमें आपको बिल (Bill Amount) की पूरी राशि दिखेगी। साथ ही अगले खाने में मिनिमम अमाउंट ड्यू (Minimum Amount Due) का ऑप्शन भी दिखेगा। मिनिमम अमाउंट का अर्थ होता है कि यदि आप पूरा बिल न चुका पाएं तो इतनी राशि भी चुका सकते हैं। 

मिनिमम ड्यू पे कर न लें चैन की सांस

किसी महीने के बिल में यदि आप मिनिमम ड्यू करते हैं, तो इसे काफी नहीं मानना चाहिए। इसका कतई यह मतबल नहीं है कि आपको क्रेडिट कार्ड के बिल से छुट्टी मिल गई है। यह एक तरह से कर्ज का जंजाल है। कंपनी हर महीने आपसे मिनिमम ड्यू के नाम पर जो पैसे लेती है, वह सिर्फ ब्याज और फाइल चार्ज में खप जाता है। आपका मूल अमाउंट जस का तस रहता है। 

क्या बला है मिनिमम ड्यू

मिनिमम अमाउंट ड्यू दरअसल आपके कुल बिल का एक भाग होता है। इससे आपको क्रेडिट कार्ड लेट पेमेंट फीस जैसी अतिरिक्त पेनाल्टी से राहत मिल जाती है। लेकिन आपको पूरे बिल पर लगभग 3 से 4% प्रति माह की दर से चार्ज देना पड़ेगा। इस हिसाब से आप सालाना करीब 40 से 50 प्रतिशत ब्याज देंगे। वह भी उस दिन से देना होगा, जिस दिन आपने खरीदारी की है।

मिनिमम अमाउंट ड्यू का कैलकुलेशन 

आम तौर पर मिनिमम अमाउंट ड्यू आपकी कुल आउटस्टैंडिंग का 5% होता है। लेकिन यह राशि अलग-अलग बैंक के क्रेडिट कार्ड में अलग-अलग हो सकती है। यदि आपके क्रेडिट कार्ड बिल मेें टोटल आउटस्टेंडिंग की राशि ज्यादा होगी तो यह उस राशि के पांच फीसदी से कम भी हो सकती है। यदि कुल बिल की राशि कम होगी तो यह पांच फीसदी के आसपास भी हो सकती है।

क्या इससे कोई नुकसान है?

जी हां। क्रेडिट कार्ड बिल में सिर्फ मिनिमम अमाउंट ड्यू का पेमेंट करने पर आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं। क्योंकि, इस अमाउंट का इस्तेमाल इंटरेस्ट के पेमेंट के लिए किया जाता है, न कि प्रिंसिपल अमाउंट के पेमेंट के लिए। इंटरेस्ट तब तक लिया जाता रहेगा जब तक आप पूरी तरह से अपना ड्यू क्लियर नहीं कर देते हैं। वहीं आपको 50 प्रतिशत तक ब्याज चुकाना पड़ता है। जो कि अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है। 

सिबिल रिपोर्ट होती है खराब?

अक्सर बैंक आपको कहते हैं कि मिनिमम अमाउंट ड्यू चुकाने पर सिबिल स्कोर खराब नहीं होता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब आपके कर्ज की रकम घटने के बजाय बनी रहेगी या बढ़ती रहेगी तो फिर सिबिल स्कोर तो खराब होना तय है। यही नहीं, बैंक आपकी पहचान ऐसे ग्राहक के रूप में करेगा, जिनके पास लिक्विडिटी की कमी है। हो सकता है कि ऐसा ग्राहक आने वाले दिनों में कर्ज के भंवर जाल में फंस जाए।

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