Sunday, May 05, 2024
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भारतीय फुटबॉल के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी चुन्नी गोस्वामी का हुआ निधन

पूर्व भारतीय फुटबॉलर और प्रथम श्रेणी क्रिकेटर चुन्नी गोस्वामी का निधन हो गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: May 01, 2020 0:33 IST
Chunni Goswami- India TV Hindi
Image Source : AIFF Chunni Goswami

कोलकाता | एशियाई खेल 1962 की स्वर्ण पदक विजेता टीम के कप्तान रहे भारत के महान पूर्व फुटबालर सुबीमल ‘चुन्नी’ गोस्वामी का गुरूवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। उन्होंने यहां एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी बसंती और बेटा सुदिप्तो हैं। सुदिप्तो ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘उन्हें दिल का दौरा पड़ा और अस्पताल में करीब पांच बजे उनका निधन हो गया। उन्हें यहां नियमित चेक-अप के लिये लाया गया था।’’

वह मधुमेह, प्रोस्ट्रेट और नर्वस सिस्टम संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे। उन्हें रोज इंसुलिन लेना होता था और लॉकडाउन के कारण उनका मेडिकल सुपरवाइजर भी नियमित रूप से नहीं आ पाता था जिससे उनकी पत्नी बसंती उन्हें दवाई देती थीं। अविभाजित बंगाल के किशोरगंज जिले (मौजूदा बांग्लादेश) में जन्में गोस्वामी का असल नाम सुबीमल था लेकिन उन्हें उनके निकनेम से ही जाना जाता था । उन्होंने भारत के लिये 1956 से 1964 के बीच में 50 अंतरराष्ट्रीय मैच (जिसमें से 36 अधिकारिक थे) खेले जिनमें रोम ओलंपिक शामिल था ।

उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 13 गोल दागे। भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान के रूप में उन्होंने देश को 1962 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और इस्राइल में 1964 एशिया कप में रजत पदक दिलाया। यह अब तक का भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। गोस्वामी बंगाल के लिये प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी खेले थे। क्रिकेटर के तौर पर उन्होंने 1962 और 1973 के बीच 46 प्रथम श्रेणी मैचों में बंगाल का प्रतिनिधित्व किया। गोस्वामी, पी के बनर्जी और तुलसीदास बलराम भारतीय फुटबाल के स्वर्णिम दौर की शानदार फारवर्ड पंक्ति का हिस्सा थे जब भारत एशिया में फुटबाल की महाशक्ति था । गोस्वामी ने 1962 में एशिया के सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइकर का पुरस्कार जीता था।

उन्हें 1963 में अर्जुन पुरस्कार और 1983 में पद्मश्री से नवाजा गया । भारती डाक विभाग ने जनवरी में उनके 82वें जन्मदिन पर भारतीय फुटबाल में उनके योगदान के लिये विशेष डाक टिकट जारी किया । गोस्वामी पूरी जिंदगी एक ही क्लब मोहन बागान के लिये खेले जहां से 1968 में रिटायर हुए । वह पांच सत्र में टीम के कप्तान रहे और 2005 में मोहन बागान रत्न बने । वहीं 1966 में उन्होंने अपनी मध्यम गति की गेंदबाजी से आठ विकेट चटकाये जिससे संयुक्त मध्य और पूर्वी क्षेत्र की टीम ने गैरी सोबर्स की वेस्टइंडीज टीम को पारी से हराया था।

उन्होंने 1971-72 रणजी ट्राफी फाइनल में बंगाल की कप्तानी की थी, हालांकि टीम ब्रैबोर्न स्टेडियम में बाम्बे से हार गयी थी। गोस्वामी 1970 के दशक में भारतीय फुटबाल के चयनकर्ता भी थे और 1996 में जब राष्ट्रीय फुटबाल लीग शुरू हुई तो वह सलाहकार समिति का भी हिस्सा थे।

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