
भारतीय महिला हॉकी टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुरुवार (1 मई) से पर्थ शुरू हो रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में अपना सर्वश्रेष्ठ संयोजन उतारेगी और डिफेंस की कमजोरियों को ठीक करने की कोशिश करेगी। यह सीरीद जून में होने वाले एफआईएच प्रो लीग मैचों की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और भारत के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह इसके लिए अपने कोर ग्रुप की पहचान करने की उम्मीद कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया ए टीम से लगातार दो हार के साथ दौरे की शुरुआत करने के बाद भारत दमदार प्रदर्शन के साथ वापसी करने के लिए बेताब होगा। हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति के अनुसार हरेंद्र सिंह ने कहा कि पहले दो मैच में अधिकतर खिलाड़ियों को खेलने का मौका मिला है और अब हम खिलाड़ियों के बीच सर्वश्रेष्ठ संयोजन आजमाएंगे। वह इसका इंतजार कर रहे हैं क्योंकि इसी तरह हम उन खिलाड़ियों की पहचान करेंगे जो यूरोप में आगामी प्रो लीग मैचों में खेल सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप से पहले नई खिलाड़ियों को कम से कम 35 मैच खेलने चाहिए। ऐसे टूर्नामेंटों की तैयारी करते समय हम यही लक्ष्य ध्यान में रखते हैं।
युवा खिलाड़ियो के पास शानदार मौका
ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ भारत शुरुआती मैच में 3-5 से और दूसरे मैच में 2-3 से हार गया था। इन नतीजों के बावजूद हरेंद्र टीम के प्रयासों से खुश दिखे। कोच ने कहा कि दोनों मैचों में हमने कुछ आसान गोल खाए हैं जो निराशाजनक थे, लेकिन इसके अलावा हमने कडी चुनौती पेश की। यह टेस्ट सीरीज है और इसमें जीत और हार से अधिक महत्वपूर्ण अनुभव हासिल करना होता है। हरेंद्र ने कहा कि टीम में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो पहली बार विदेश दौरे पर आए हैं। वह युवा खिलाड़ियों को मौका दे रहे हैं ताकि भविष्य के लिए तैयार हो सके।
3 मैचों की होगी टेस्ट सीरीज
सलीमा टेटे की अगुवाई वाली भारत की 26 सदस्यीय टीम को अब 1 मई, 3 मई और 4 मई को अगले तीन मैचों में ऑस्ट्रेलिया की सीनियर टीम के खिलाफ कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। पिछली बार जब इन दोनों टीम का आमना सामना हुआ था तब भारत ने एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2023-24 के दौरान 1-0 से जीत हासिल की थी और अब उसका लक्ष्य इसी तरह का परिणाम हासिल करना होगा।
(PTI Inputs)