Wednesday, July 09, 2025
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Israel Iran War:इजरायल के हमले में मारे गए 224 लोग, IAEA ने किया ईरान के भूमिगत "परमाणु स्थल" को बड़े नुकसान का दावा

इजरायल के हमले में ईरान में 224 लोगों की मौत हुई है। जबकि 1257 लोग घायल हुए हैं। ईरान की सरकार ने आधिकारिक रूप से यह आंकड़ा जारी किया है। बता दें कि इजरायल ने 13 जून को 200 फाइटर जेट से ईरान के परमाणु ठिकानों और आर्म्ड बेस पर बड़ा हमला कर दिया था।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 17, 2025 18:08 IST, Updated : Jun 17, 2025 19:05 IST
अयातुल्ला अली खामेनेई, ईरान के सुप्रीम लीडर।
Image Source : AP अयातुल्ला अली खामेनेई, ईरान के सुप्रीम लीडर।

तेहरानः ईरान की सरकार ने तेहरान पर हुए इजरायली हमले के बाद मौतों और नुकसान का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है। ईरान के अनुसार गत 13 जून को इजरायली सेना के हमले के बाद से अब तक 224 ईरानियों की मौत हो गई और 1257 घायल हुए। तेहरान ने इसे जायोनिस्ट शासन का ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर गंभीर उल्लंघन माना है। इजरायल ने मंगलवार को भी ईरान पर जवाबी हमले करना जारी रखा है। ईरान के कई शहरों में तेज धमाके सुने जा रहे हैं। 

ईरान के परमाणु स्थल को पहुंचा गंभीर नुकसान

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA)ने दावा किया है कि इज़राइली हमलों से ईरान का भूमिगत परमाणु स्थल क्षतिग्रस्त हो गया है। आईएईए के अनुसार इजरायली हमले में ईरान के नतांज़ स्थित भूमिगत सेंट्रीफ्यूज हॉल्स पर 'सीधा प्रभाव' पड़ा है। रिपोर्टों के अनुसार, हमले के बाद IAEA ने साइट का निरीक्षण किया और पाया कि कुछ तकनीकी संरचनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि इससे ईरान की संवर्धन क्षमता पर कितना प्रभाव पड़ा है। 

ईरान ने कहा-इजरायल ने ली निर्दोषों की जान

तेहरान के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ज़ायोनिस्ट शासन ने कब्जे और विध्वंसक नीति के तहत  ईरान की राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का घोर उल्लंघन करते हुए कई इलाकों पर सैन्य हमला किया। इसमें आवासीय क्षेत्र भी शामिल थे। इन हमलों में निर्दोष महिलाओं और बच्चों की जान चली गई। अब तक इन क्रूर हमलों में 224 नागरिकों की मौत हो चुकी है और 1,257 लोग घायल हुए हैं। ईरान ने कहा कि इजरायल का यह सैन्य आक्रमण अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का सीधा उल्लंघन करता है। यह ईरानी गणराज्य पर किया गया खुला सैन्य आक्रोश और आक्रामकता का कृत्य है।

ईरान ने कहा-हमें आत्मरक्षा का अधिकार

संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत, ईरान को आत्मरक्षा का वैध और कानूनी अधिकार प्राप्त है, और उसी के तहत यह उचित और समयानुकूल जवाब देने के लिए अधिकृत है। ईरान ने कहा-यह सैन्य आक्रमण ऐसे समय में किया गया जब ईरान अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करते हुए अमेरिका के साथ परमाणु विवाद सहित अन्य मुद्दों पर अप्रत्यक्ष वार्ताओं में भाग ले रहा था। हम संयुक्त राष्ट्र के सभी न्यायप्रिय सदस्य देशों से यह अपेक्षा करते हैं कि वे इन आपराधिक हमलों की कड़ी निंदा करें और इस अविवेकपूर्ण सैन्य दुस्साहस को रोकने के लिए तुरंत और सामूहिक कार्रवाई करें, क्योंकि इससे वैश्विक शांति और सुरक्षा पर अभूतपूर्व खतरा उत्पन्न हो गया है।

ईरान ने दी गंभीर परिणाम की चेतावनी

इजरायली हमले में सैकड़ों मौतों के बाद ईरान ने इजरायल को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। ईरान ने कहा-इस ज़ायोनिस्ट हमले के गंभीर परिणामों की पूरी जिम्मेदारी इस शासन और इसके समर्थकों पर होगी। तेहरान ने कहा कि यह नरसंहारकारी ज़ायोनिस्ट शासन, जो स्वयं एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) का सदस्य नहीं है, और उसने गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित किए हैं और कभी अंतरराष्ट्रीय समुदाय या IAEA के प्रति जवाबदेह नहीं रहा। यह सरासर पाखंड है कि एक गैर-एनपीटी, परमाणु-सशस्त्र सत्ता, एक वैध एनपीटी सदस्य देश (ईरान) को वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बताकर उस पर हमला करती है, उसके वैज्ञानिकों और विश्वविद्यालय प्रोफेसरों की सुनियोजित हत्याएं करती है।

ईरानी ने शुरू की जवाबी कार्रवाई

तेहरान ने कहा, इन क्रूर सैन्य हमलों के जवाब में और आत्मरक्षा के अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों के आधार पर ईरानी सशस्त्र बलों ने जवाबी सैन्य अभियान शुरू कर दिया है, जिनमें ज़ायोनिस्ट शासन की सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया है। विस्तारवादी ज़ायोनिस्ट शासन पश्चिम एशिया क्षेत्र में अस्थिरता और युद्ध का प्रमुख कारण है। यह शासन लगातार अपने पड़ोसी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करता है।

इजरायल कर रहा युद्ध अपराध

ईरान ने कहा कि हमारी सैन्य नीति पूरी तरह रक्षात्मक है, और इसका उद्देश्य ज़ायोनिस्ट शासन को ईरान और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को खतरे में डालने से रोकना है। जबकि ज़ायोनिस्ट शासन जानबूझकर रिहायशी इमारतों, अस्पतालों, अनुसंधान केंद्रों और नागरिक ढांचे को निशाना बना रहा है, जो युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है।

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