Wednesday, April 24, 2024
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Saudi Arabia: बुरके में कैद महिलाओं की किस्मत बदल रहे 'क्रूर' क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, आखिर क्या हैं उनके असल इरादे?

Saudi Arabia: तब सऊदी अरब में महिलाओं पर लगे सख्त प्रतिबंधों पर चर्चा शुरू हो गई थी। अब इस बात को 6 साल हो गए हैं लेकिन सऊदी अरब अब भी खबरों में है लेकिन इस बार महिलाओं की आजादी की बात हो रही है।

Shilpa Written By: Shilpa
Updated on: August 24, 2022 18:14 IST
Saudi Women-Crown Prince Mohammed Bin Salman- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Saudi Women-Crown Prince Mohammed Bin Salman

Highlights

  • महिलाओं पर से हट रहे प्रतिबंध
  • विजन 2030 पर हो रहा है काम
  • क्राउन प्रिंस ने शुरू किया प्रोग्राम

Saudi Arabia: महीना जनवरी का था, और साल 2016... बात तब की है, जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा सऊदी अरब के दौरे पर आए थे। उनके साथ उनकी पत्नी और पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा भी थीं। ये दौरा खत्म भी नहीं हुआ था कि पूरी दुनिया में मिशेल चर्चा का विषय बन गईं। मिशेल यूं तो हमेशा ही खबरों में बनी रहती हैं, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग था। अपने पति के बगल में नीले रंग की खूबसूरत ड्रेस में खड़ी मिशेल की कई तस्वीरें सामने आई थीं और उनकी आलचोना केवल इसलिए की गई क्योंकि उन्होंने अपना सिर नहीं ढंका था। सऊदी अरब के कुछ लोगों को उनकी ये बात पसंद नहीं आई। 

इस घटना के बाद सऊदी अरब में महिलाओं पर लगे सख्त प्रतिबंधों पर चर्चा शुरू हो गई। अब इस बात को 6 साल हो गए हैं लेकिन सऊदी अरब अब भी खबरों में है लेकिन इस बार महिलाओं की आजादी की बात हो रही है। महिलाओं को देश में सुधार के लिए शुरू किए गए कार्यक्रम का सीधा लाभ मिल रहा है। जिसकी शुरुआत क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने की है। जिन्हें एमबीएस के नाम से भी जाना जाता है।

सरकार में उच्च पोजीशन पर हैं सलमान

सऊदी अरब ने दुनिया को बदलाव के संकेत तभी दिखाने शुरू कर दिए थे, जब उसने 2019 में प्रिंसेस रीमा बिंत बंदार बिन सुल्तान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद को अमेरिका में अपना राजदूत नियुक्त किया था। रीमा राजनयिक संबंधों को आगे बढ़ाने वाली पहली महिला राजदूत हैं। हाल ही में सऊदी अरब ने सरकार में दो महिलाओं को वरिष्ठ पदों पर जगह दी है। पुरुषों के प्रभुत्व वाले सऊदी में शिहाना अलज्जाज को सऊदी कैबिनेट में उप सचिव का पद दिया गया। वह इस मुकाम तक पहुंचने वाली पहली महिला हैं। इसके अलावा प्रिंसेस हाइफा बिंत मोहम्मद अल सऊद को देश का उप पर्यटन मंत्री बनाया गया था। इस नई खबर से सऊदी अरब ने साबित कर दिया है कि अब महिलाओं को प्रतिबंधों के साये में नहीं रहना पड़ेगा।

सरकार निजी क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर काम कर रही है। बीते कई सालों से प्रशासन महिलाओं पर से प्रतिबंधों को हटा रहा है। उन्हें अब ड्राइविंग करने की अनुमति है। वह बिना पुरुष साथी के देश में कहीं भी घूम फिर सकती हैं। इस साल जून महीने में अरामको की कार्यकारी रहीं शहेला अलरोवेली को केंद्रीय बैंक के बोर्ड में जगह दी गई है।

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Saudi Women-Crown Prince Mohammed Bin Salman

इसके पीछे क्या है असल वजह?

इस साल मार्च में सामने आई विश्व बैंक की महिला व्यवसाय और कानून रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब की महिलाएं अब श्रम बाजार में भी प्रवेश कर रही हैं। साल 2019 से सरकार ने नए सुधारों को लागू करना शुरू कर दिया है। इसके बाद महिलाओं को उन उद्योगों में नए अवसर मिलने लगे हैं, जहां अब तक केवल पुरुषों का ही वर्चस्व था। एमबीएस के करीबी लोगों का मानना ​​है कि विजन 2030 की सफलता के लिए महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे कई सुधार हुए हैं, जैसे पहले कभी नहीं किए गए। 

कई ऐसे सुधार लागू किए गए हैं, जिनकी कभी कल्पना भी नहीं की गई थी। इन सुधारों में महिलाओं की सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। सऊदी अरब में लागू किए गए सुधारों के तहत अब महिलाएं अपनी पसंद के घर में रह सकती हैं, रोजगार में लैंगिक भेदभाव को भी खत्म किया जा रहा है और साथ ही गर्भवती महिलाओं को काम से नहीं निकाला जा सकता। उन्हें पेंशन में समानता के साथ-साथ मातृत्व अवकाश में भी सुविधाएं दी जाएंगी।

60 लाख महिलाओं को हुआ फायदा

सऊदी अरब में 60 लाख महिलाओं को इन सुधारों से लाभ मिलना शुरू हो गया है। इससे 21 साल और उससे अधिक उम्र की महिलाओं के अलावा आने वाली पीढि़यों को भी फायदा होगा। उन क्षेत्रों में महिलाओं के रोजगार में वृद्धि हुई है, जिन्हें परंपरागत रूप से केवल पुरुषों के लिए माना जाता था। साल 2020 में 7782 महिलाओं ने निर्माण क्षेत्र में प्रवेश किया है, जहां महिलाओं के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध था। इसके अलावा 6662 महिलाएं विनिर्माण क्षेत्र में नई भूमिकाओं में दिखाई देने लगी हैं।

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Saudi Women-Crown Prince Mohammed Bin Salman

एचकेडीसी की शोध रिपोर्ट के अनुसार, कार्यालयों और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को साल 2030 तक बढ़ाकर 30 फीसदी करने का उद्देश्य है। साल 2018 तक केवल 15 फीसदी महिलाएं ही कार्यबल का हिस्सा थीं। जबकि पूरी दुनिया में 39 फीसदी महिलाएं कार्यबल में योगदान दे रही थीं। इस रिपोर्ट के मुताबिक अब इस देश में महिलाएं पति या अन्य पुरुष रिश्तेदार की मंजूरी के बिना अपना कारोबार शुरू कर सकती हैं। इससे पहले वह गार्जियनशिप सिस्टम के तहत बिना अनुमति के अपना काम करने के लिए स्वतंत्र नहीं थीं।

सऊदी अरब में इन सुधारों के बाद अब सिंगल महिलाएं भी काफी खुश हैं। महिलाओं के मुताबिक, जो महिलाएं यहां काम करती थीं और वे एचआर सेक्टर में नियमित तौर पर कार्यरत थीं। लेकिन जब से महिलाओं को गाड़ी चलाने की आजादी मिली है, एक नया बदलाव आ रहा है। महिलाओं ने अब लाइसेंस के लिए भी आवेदन करना शुरू कर दिया है।

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