Saturday, April 20, 2024
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सऊदी प्रिंस के आगे झुका पाकिस्तान, होउबारा बस्टर्ड के शिकार के लिए जारी किया विशेष परमिट

इमरान सरकार ने सऊदी के शहजादे और उनके शाही परिवार से जुड़े दो अन्‍य सदस्‍यों को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर संरक्षित होउबारा बस्टर्ड या तिलोर पक्षियों के शिकार की स्‍वीकृति दे दी। यह जानकारी शुक्रवार को मीडिया की खबरों में दी गई।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 04, 2020 21:51 IST
Pak issues special permit to Saudi Crown Prince, two others to hunt rare houbara bustards- India TV Hindi
Image Source : FILE होउबारा बस्टर्ड मध्य एशिया क्षेत्र के ठंडे प्रदेश में रहता है। पाकिस्तान में अपेक्षाकृत गर्म माहौल में रहने के लिए हर वर्ष शीत ऋतु में ये पक्षी यहां आते हैं।

इस्लामाबाद: सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के शौक के आगे पाकिस्तान झुक गया और प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें अपने देश में बेजुबानों की हत्‍या करने की अनुमति दे दी। इमरान सरकार ने सऊदी के शहजादे और उनके शाही परिवार से जुड़े दो अन्‍य सदस्‍यों को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर संरक्षित होउबारा बस्टर्ड या तिलोर पक्षियों के शिकार की स्‍वीकृति दे दी। यह जानकारी शुक्रवार को मीडिया की खबरों में दी गई। सूत्रों ने कहा कि दो अन्य शिकारी गवर्नर हैं और उनमें से एक ने पिछले वर्ष शिकार का शुल्क नहीं चुकाया था। 

‘डॉन’ अखबार ने खबर दी कि शिकारियों को दो प्रांतों - बलूचिस्तान और पंजाब में कुछ शिकार वाले क्षेत्र आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय प्रोटोकॉल और आधिकारिक पदानुक्रम बनाए रख सकता है, लेकिन इस्लामाबाद में सऊदी अरब के दूतावास को भेजे गए शिकारियों की सूची में सऊद अरब के सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्ति और वास्तविक शासक मोहम्मद बिन सलमान का नाम सबसे नीचे दर्ज है। 

होउबारा बस्टर्ड मध्य एशिया क्षेत्र के ठंडे प्रदेश में रहता है। पाकिस्तान में अपेक्षाकृत गर्म माहौल में रहने के लिए हर वर्ष शीत ऋतु में ये पक्षी यहां आते हैं। पाकिस्तान की सरकार अरब के शिकारियों को शिकार करने के लिए विशेष रूप से निमंत्रण देती है। 

होउबारा की घटती आबादी को देखते हुए यह न केवल विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत संरक्षित है बल्कि स्थानीय वन्यजीव संरक्षण कानूनों के तहत भी इसे संरक्षण मिला हुआ है। पाकिस्तानियों को इसके शिकार की अनुमति नहीं है।

सूत्रों ने अखबार को बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान जब विपक्ष में थे तो होउबारा के शिकार की अनुमति जारी करने के लिए तत्कालीन संघीय सरकार की आलोचना करते थे और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में होउबारा के शिकार की अनुमति नहीं दी थी जहां उनकी पार्टी तहरीक ए इंसाफ का शासन था, लेकिन अब सऊदी अरब के शिकारियों को अनुमति दी है।

प्रिंस फहद ने कुछ साल पहले 2000 होउबारा पक्षियों का शिकार किया था और दुनियाभर के मीडिया में सुर्खियों में आ गए थे। यही नहीं प्रिंस फहद ने पिछले साल होउबारा पक्षियों के शिकार के लिए जरूरी एक लाख डॉलर की फीस को भी पाकिस्‍तान सरकार को नहीं दिया था। यही नहीं प्रिंस फहद ने पिछले साल 60 बाज के इस्‍तेमाल के लिए जरूरी 60 हजार डॉलर की फीस को भी नहीं दिया था। 

होउबारा के शिकार के बाद प्रिंस फहद फीस द‍िए बिना ही वापस सऊदी अरब चले गए थे। प्रिंस फहद की दादागिरी का आलम यह है कि उन्‍होंने 2000 होउबारा पक्षियों का शिकार किया जबकि उन्हें मात्र 100 पक्षियों के शिकार की अनुमति दी गई थी। पाकिस्‍तान के बलूचिस्तान प्रांत को शिकार के हर सीज़न में कम से कम 2 अरब रुपये की कमाई होती है।

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