Monday, April 29, 2024
Advertisement

भारत के सामने मानसून, वैश्विक वित्तीय अस्थिरता का खतरा

नई दिल्ली: आने वाले समय में देश के विकास के सामने मानसून और वैश्विक वित्तीय अस्थिरता का जोखिम बना हुआ है। यह बात बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने कही। मूडीज ने

IANS IANS
Updated on: May 13, 2015 19:11 IST
कमजोर मानसून और...- India TV Hindi
कमजोर मानसून और वैश्विक वित्तीय अस्थिरता भारत के लिए खतरा: मूडीज

नई दिल्ली: आने वाले समय में देश के विकास के सामने मानसून और वैश्विक वित्तीय अस्थिरता का जोखिम बना हुआ है। यह बात बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने कही। मूडीज ने हालांकि कहा कि अगले 18 से 24 महीनों में फिर भी देश की औसत विकास दर 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद है।

एजेंसी ने कहा कि समग्र तौर पर कम ऋण लिए जाने, मांग में कमी और अनिश्चित वैश्विक विकास के कारण भारत का विकास निकट अवधि में अधिक तेजी से नहीं होगा।

मूडीज ने कहा, "यद्यपि संरचनागत सुधार की कोशिशों के कारण मध्य अवधि में घरेलू निवेश और प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी, फिर भी अगली दो तिमाहियों में ये उपयुक्त कारक तेजी की गति को कम करेंगे। इसके अलावा मानसून और वैश्विक वित्तीय अस्थिरता का इस साल विकास दर के सामने अतिरिक्त जोखिम बना हुआ है।"

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि विकास दर का पूर्वानुमान भारत के संरचनागत लाभ की स्थिति और सुधार की कोशिशों पर आधारित है।

रपट के मुताबिक, देश के संरचनागत लाभ की स्थिति में शामिल है अनुकूल जनसांख्यिकी, विशालकाय अर्थव्यवस्था जिससे निवेश का अवसर पैदा होता है और आर्थिक विविधता तथा उच्च बचत और निवेश दर।

रपट में यह भी कहा गया है कि विकास दर कितनी अधिक रहेगी और कब तक ऊंचे स्तर पर रहेगी, यह इस बात पर निर्भर होगा कि अवसंरचनागत, नियामकीय और नौकरशाही संबंधी सुधारों को किस प्रकार से लागू किया जाता है। साथ ही यह भी गौर करने वाली बात है कि ये सुधार अभी शुरुआती अवस्था में हैं।

हाल में किए गए सुधारों में महंगाई को लक्षित कार्ययोजना, नियामकीय सरलीकरण और रेल अवसंरचना, रक्षा और बीमा क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाया जाना शामिल है।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिज़नेस सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement