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'अगर किसी छात्र को PHD के लिए वाइवा देना है तो...,' AMU में हॉस्टल खाली कराने के आदेश को लेकर छात्रों में रोष

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन द्वारा पीएचडी छात्रों सहित सभी छात्रावासों को खाली कराने के फैसले के खिलाफ एएमयू परिसर में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इनमें वह छात्र शामिल हैं, जिन्होंने अभी तक अपनी डॉक्टरेट की मौखिक परीक्षा नहीं दी है।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published : Jul 27, 2024 12:47 IST, Updated : Jul 27, 2024 12:47 IST
अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में छात्रावास खाली कराने के आदेश को लेकर बढ़ रही नाराजगी- India TV Hindi
Image Source : FILE अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में छात्रावास खाली कराने के आदेश को लेकर बढ़ रही नाराजगी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय यानी AMU से एक बड़ी खबर सामने आई है। AMU प्रशासन द्वारा पीएचडी छात्रों सहित सभी छात्रावासों को खाली कराने के फैसले के खिलाफ एएमयू परिसर में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इनमें वह छात्र शामिल हैं, जिन्होंने अभी तक अपनी डॉक्टरेट की मौखिक परीक्षा नहीं दी है। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के प्रॉक्टर ने इस फैसले का बचाव किया है। 

आदेश ने स्कॉलर की परेशानी बढ़ाईं 

 एएमयू में पीएचडी स्कॉलर, जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के पदाधिकारी जुबैर रेशी ने कहा, "इस आदेश ने स्कॉलर की पहले से ही परेशान करने वाली स्थिति को और बढ़ा दिया है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण अपने शोध के लगभग दो साल खो दिए हैं।"

उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व व्यवधानों से चिह्नित इन दो वर्षों ने शोध छात्रों पर काफी मानसिक दबाव डाला है, जो अपने शैक्षणिक स्तर को फिर से हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं। इन व्यवधानों के मद्देनजर, यह महत्वपूर्ण है कि प्रशासन जम्मू- कश्मीर के छात्रों, विशेष रूप से महिला छात्रों के प्रति सहानुभूति दिखाए। 

'जब वाइवा देना होगा तो जरूरी आवास मुहैया कराया जाएगा'

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम अली ने अधिकारियों द्वारा की जा रही ज्यादतियों के किसी भी आरोप से इनकार किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने "उन पीएचडी छात्रों के सभी वास्तविक मामलों की समीक्षा करने का फैसला किया है, जिन्होंने निर्धारित पांच वर्षों के दौरान अपने शोध कार्य को गंभीरता से किया है।" उन्होंने कहा, "हम ऐसे सभी शोधकर्ताओं को पूरी तरह से अनुमति नहीं दे सकते हैं, जो पांच साल की निर्धारित अवधि के दौरान अपना शोध पूरा करने में विफल रहे हैं।" 

अली ने कहा कि अगर किसी छात्र को पीएचडी थीसिस के लिए वाइवा देना है तो उसे भी हॉस्टल खाली कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, "जब उसे वाइवा परीक्षा देनी होगी तो उस समय उसे जरूरी आवास मुहैया कराया जाएगा।"

इनपुट- पीटीआई

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