Thursday, April 18, 2024
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तेजबहादुर के चुनाव लड़ने को लेकर आया नया मोड़, बीजेपी ने समय दिए जाने पर जताई अप्पति

चुनाव आयोग ने तेज बहादुर को आज सुबह 11 बजे तक की मोहलत दी गई थी जो अब खत्म हो चुकी है। आयोग ने तेज बहादुर से उनकी बर्खास्तगी की असल वजह की जानकारी बीएसएफ से लेकर आने को कहा है जिसका जवाब देने के लिए वो कलेक्ट्रेट पहुंच गए हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 01, 2019 13:00 IST
तेज बहादुर यादव के नॉमिनेशन पर संकट बरकरार, चुनाव आयोग ने दी 11 बजे तक की मोहलत- India TV Hindi
तेज बहादुर यादव के नॉमिनेशन पर संकट बरकरार, चुनाव आयोग ने दी 11 बजे तक की मोहलत

नई दिल्ली: वाराणसी ​से एसपी तेजबहादुर यादव के चुनाव लड़ने को लेकर नया मोड़ आ गया है। बीजेपी ने तेजबहादुर को समय दिए जाने पर अप्पति जताते हुए रिटर्निंग ऑफिसर को पत्र लिखा है। बीजेपी का कहना है कि दस्तावेज नामांकन के दौरान ही जमा कर देने चाहिए थे। बता दें कि आयोग ने तेज बहादुर से उनकी बर्खास्तगी की असल वजह की जानकारी बीएसएफ से लेकर आने के लिए आज 11 बजे तक का समय दिया था लेकिन चुनाव आयोग ने समय बीतने के बाद भी और समय दे दिया है।  

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दरअसल तेज बहादुर यादव ने निर्दलीय और फिर महागठबंधन की तरफ से दो बार नामांकन दाखिल किया। एक नामांकन में उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की वजह से उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त किया गया जबकि दूसरे नामांकन में उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी थी।

चुनाव आयोग का कहना है कि अगर तेज बहादुर यादव प्रमाण नहीं देते हैं तो उनका नामांकन खारिज कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि नौ जनवरी, 2017 को हरियाणा के रेवाड़ी के तेज बहादुर यादव ने सेना में परोसे जा रहे भोजन को सार्वजनिक कर पूरे देश का माहौल सर्दियों में गरमा दिया था। 

यादव ने कुछ विडियो पोस्ट किए थे, जिनमें सिर्फ हल्दी और नमक वाली दाल और साथ में जली हुई रोटियां दिखाते हुए खाने की गुणवत्ता पर उन्होंने सवाल उठाए थे। वीडियो में उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा समेत कई स्थानों पर इस प्रकार का खाना दिया जाता है और कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है।

वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और बीएसएफ से मामले पर विस्तृत रपट मांगी थी। इस बीच तेजबहादुर ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। बल्कि उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वह बीएसएफ नहीं छोड़ सकते। 

इसके विरोध में तेज बहादुर राजौरी स्थित मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। 19 अप्रैल को तेज बहादुर को बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया। उन पर सीमा सुरक्षा बल का अनुशासन तोड़ने को लेकर जांच की गई थी।

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