Saturday, April 27, 2024
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कोरोना वायरस के लॉकडाउन में बच्चों को दिखाइए ये फिल्में

कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन ने बच्चों को भी घरों में कैद कर दिया है। बच्चों का मनोरंजन करने और कुछ सही सिखाने की कवायद में उन्हें ये फिल्में दिखाइए।

India TV Entertainment Desk Edited by: India TV Entertainment Desk
Updated on: March 25, 2020 16:03 IST
kid films for isolation- India TV Hindi
आइसोलेशम में बच्चों को दिखाएं ये फिल्में

कोरोना वायरस के दौर में जब हम सब आइसोलेशन औऱ लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं, छोटे बच्चों की बड़ी दिक्कत है। उन्हें घर में कैद से परेशानी हो रही है। छोटे बच्चों का वक्त काटे नहीं कट रहा और वो बड़ों को भी परेशान कर रहे हैं। ऐसे में आप चाहें तो बच्चा की सही मनोरंजन कर सकते हैं और उन्हें उनके मतलब की फिल्में दिखाकर खुश भी कर सकते हैं। ये फिल्में खासकर बच्चों के लिए बनी हैं औऱ उनकी ही दुनिया को रिप्रेजेंट करती हैं। 

आइए आपको बताते हैं कि आइसोलेशन में बच्चों को कौन सी फिल्में दिखाएं ताकि वो खुश हो जाएं। 

स्टेनली का डिब्बा

बच्चों की स्कूल की जिंदगी पर बनी ये फिल्म बहुत शानदार है। एक बच्चे की कहानी उठाकर स्कूल के माहौल को बताया गया है। अमोल गुप्ते की यह फिल्म काफी एंटरटेनिंग है। हम अक्सर जो चीजें बच्चों को करने के लिए मना करते हैं, वही करते हैं और इस विचार को अमोल गुप्ते ने फिल्म में इमोशंस की चाशनी में लपेटकर बहुत ही अच्छे तरीके से परोसा है।

किताब
पुराने वक्त के हिट बाल कलाकार मास्टर राजू की ये फिल्म बच्चों के लिए एपिक फिल्म कही जाती है। एक छोटा बच्चे की कहानी, उसकी शरारतों उसकी जिज्ञासाओं औऱ परेशानी को बताती ये फिल्म अपने दौर में काफी हिट हुई थी। ये फिल्म बच्चों के साथ साथ आपको भी बेहद पसंद आएगी। 

तारे जमीं पे
हमें किसी भी बच्चे को कमतर नहीं समझना चाहिए। हर बच्चा स्पेशल होता है, उसमें कुछ ना कुछ खास जरूर होता है और आमिर खान की फिल्म 'तारे जमीं पर' ने यही चीज दिखाई। कहानी एक dyslexic बच्चे की है जो पढ़ाई में बहुत ही कमजोर है, हमेशा डांट खाता है, लेकिन आर्ट में उसका कोई सानी नहीं।
लेकिन एक टीचर उसकी मदद करता है और उसकी खामियों को पहचान कर दूर करता है। इसका असर उस बच्चे की बढ़िया परफॉर्मेंस के रूप में देखने को मिलता है।

अंजलि
यह एक ऐसी बच्ची की कहानी दिखाती है जो मानसिक रूप से विक्षित है और मरने वाली है, लेकिन जो चीज उसके पास है वो किसी के पास नहीं..और वो है लोगों को माफ करना और उन्हें स्वीकार करना, निस्वार्थ सभी से प्यार करना। लेकिन कैसे अंजलि अपनी यही खूबी सभी को सिखाकर इस दुनिया को अलविदा कह जाती है, वो बड़ा ही मार्मिक सीन पैदा करता है।

मकड़ी
बच्चों की अपनी ही दुनिया होती है। कई बार वो परिवार वालों को कुछ नहीं बताते लेकिन उनकी जिंदगी में काफी कुछ हो जाता है। ऐसी ही फिल्म है मकड़ी। इसमें शबाना आजमी मकड़ी बनी है। बच्चों को दिखाने के लिहाज से बेहद शानदार फिल्म है।

भूतनाथ
भूतनाथ बच्चों और  बड़ों के बीच के अपनत्व को दिखाती है। कैसे बड़े भी बच्चों के साथ निश्चल और बच्चे बन जाते हैं। बच्चों की स्कूली जिंदगी को भी ये फिल्म काफी रोचक तरीके से दिखाती है।

आई एम कलाम
नील माधव पंडा की नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म 'आय एम कलाम' उन बच्चों के लिए किसी आदर्श से कम नहीं है जो माकूल परिस्थितियां और जरूरत की चीजें ना होने के बाद भी बड़ा बनने का सपना देखते हैं। यह फिल्म एक ऐसे ही लड़के की कहानी बताती है जो हर हाल में अंग्रेजी सीखना चाहता है, स्कूल जाना चाहता है और बड़ा आदमी बनकर अपने परिवार
का सपोर्ट बनना चाहता है।

चिल्लर पार्टी
सलमान खान द्वारा प्रोड्यूस की गई फिल्म चिल्लर पार्टी बच्चों की दुनिया, उनकी हिम्मत, उनके प्यार और दोस्ती के बीच घूमती है। कैसे एक गरीब बच्चे औऱ कुत्ते के लिए सोसाइटी के छोटे छोटे बच्चे हिम्मत करते हैं और दुनिया उनको सलाम करती है।

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