भारतीय क्रिकेटर एम एस धोनी आज अपना 39वां जन्मदिन पर मना रहे हैं। धोनी की जिंदगी पर फिल्म बनाई गई थी। इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत धोनी के किरदार में नजर आए थे। सुशांत ने फिल्म में इतनी शानदार एक्टिंग की थी कि ऑडियन्स हैरान रह गई थी कि यह सुशांत हैं कि सच में धोनी है। एम एस धोनी के लिए सुशांत ने धोनी के साथ काफी समय बिताया था। ताकि वह उन्हें समझकर खुद को उनके किरदार में ढाल सकें। फिल्म में धोनी की तरह क्रिकेटर खेलने के स्टाइल से लेकर, चलना, हाव-भाव सब सीखने के लिए सुशांत ने खूब मेहनत की थी। सुशांत का कहना था कि वो धोनी को समझना चाहते थे ताकि परदे पर उन्हें उतार सकें। इस दौरान दोनों की अच्छी खासी दोस्ती हुई और दोनों पारिवारिक दोस्तों की तरह मिलने जुलने लगे। सुशांत की यह मेहनत रंग लाई और फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया था।
इस प्रख्यात क्रिकेटर से सीखी धोनी की स्टाइल
सब जानते हैं कि धोनी का क्रिकेट में अलग स्टाइल है। जब फिल्म तय हो गई तो सुशांत को क्रिकेट की बारीकियां सिखाने का काम क्रिकेटर किरण मोरे को दिया गया। धोनी के हेलीकॉप्टर शॉट को सीखने के लिए सुशांत ने कड़ी मेहनत की थी। उनकी यह ट्रेनिंग लगभग 9 महीने तक चली थी।
क्या वाकई धोनी की फिल्म का बनने वाला था सीक्वल?
खबरों की मानें तो सुशांत सिंह राजपूत की धोनी पर बनी फिल्म इतनी अच्छी बनी थी कि इसके सीक्वल की तैयारी की बातें उठने लगी थी। धोनी चाहते थे कि अगली फिल्म में भी उनका किरदार सुशांत ही करें। लेकिन सुशांत की मौत के बाद इन खबरों पर विराम लग गया।
सुशांत को बचपन से ही क्रिकेट से लगाव था. वो क्रिकेटर बनना भी चाहते थे। लेकिन किस्मत उन्हें बॉलीवुड ले आई। लेकिन यहां भी क्रिकेट से उनका जुड़ाव रहा। पहली फिल्म मिली तो उसमें भी उनका क्रिकेट कोच का किरदार था। बात हो रही है 'काय पो छे' की। इस फिल्म में उनका किरदार लोगों को पसंद आया था।
सुशांत धोनी के बहुत बड़े फैन थे
जब धोनी का किरदार निभाने का उन्हें ऑफर मिला तो वो इतने खुश हो गए कि उसी रोज से धोनी की तरह दिखने और उनकी तरह हाव भाव दिखाने की कोशिश करने लगे। एक इंटव्यू में खुद सुशांत ने कहा कि जब उन्हें ये फिल्म ऑफर हुई उसी दिन से उन पर धोनी इतने हावी हो गए कि वो धोनी को समझने के लिए उनके वीडियो देखने लगे। फिल्म के सिलसिले में सुशांत धोनी से करीब तीन से चार बार मिले। पहली मुलाकात काफी दिलचस्प थी। सुशांत ने धोनी से कहा कि वो अपने बारे में बताएं...वो सिर्फ सुनेंगे। काफी देर तक धोनी बोलते रहे औऱ सुशांत चुप्पी साधे उनके हाव भाव देखते हुए उन्हें सुनते रहे।
धोनी और सुशांत में एक समानता थी
सुशांत का कहना था कि उनमें और धोनी में एक समानता है..दोनों के लिए मंजिल नहीं यात्रा मायने रखती है।