Monday, May 12, 2025
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ज्वेल थीफ रिव्यू: सैफ का चार्म, जयदीप की चालाकी है एक्शन-थ्रिलर की जान, जानें कहानी में है कितना दम

'ज्वेल थीफ - द हाइस्ट बिगिन्स' आज यानी 25 अप्रैल को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। इस फिल्म में सैफ अली खान, जयदीप अहलावत और निकिता दत्ता लीड रोल में हैं। ये एक्शन-थ्रिलर फिल्म कैसी है, जानें।

जया द्विवेदी
Updated : May 01, 2025 8:24 IST
Jewel Thief
Photo: INSTAGRAM जयदीप अहलावत, निकिता दत्ता और सैफ अली खान।
  • फिल्म रिव्यू: ज्वेल थीफ
  • स्टार रेटिंग: 2.5 / 5
  • पर्दे पर: 25.04.2025
  • डायरेक्टर: कूकी गुलाटी, रॉबी ग्रेवाल
  • शैली: एक्शन-थ्रिलर

धोखे, खतरे और चाहत के तूफान वाली कहानी आज नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो गई है। जयदीप अहलावत के क्रेजी डांस मूव्स वायरल होने के बाद से ही एक्शन-थ्रिलर 'ज्वेल थीफ - द हाइस्ट बिगिन्स' का लोगों को इंतजार था। स्टाइल, स्पीड और सस्पेंस से भरी ये फिल्म रोमांचक सफर पर ले जाती है। सैफ अली खान, जयदीप अहलावत और निकिता दत्ता स्टारर इस फिल्म में खूब सारी चालाकी और सस्पेंस से भरी हीरे की डकैती का खेल दिखाया गया है। माफिया बॉस जयदीप अहलावत और सैफ अली खान हमेशा की तरह ही दिल जीतने में कामयाब हुए हैं। रेहान रॉय और राजन की जोखिम भरी डकैती की कहानी क्या मोड़ लेती है, ये जानने के लिए पढ़ें पूरा रिव्यू।

कहानी

'ज्वेल थीफ - द हाइस्ट बिगिन्स' मनोरंजक डकैती थ्रिलर के रूप में सामने आई है। कहानी कुशल चोर रेहान रॉय (सैफ अली खान  की है। फिल्म का सेंटर ऑफ अट्रैक्शन ये किरदार है और पूरी कहानी इसी के इर्द-गिर्द घूमती है। रेहान का पाला पड़ता है मुंबई के खतरनाक माफिया सरगना राजन औलाख (जयदीप अहलावत) से, जो उसे 500 करोड़ रुपये के विशाल हीरे के लूट को अंजाम देने का काम सौंपता है। इस कहानी में एक और किरदार है जो दोनों से जुड़ा हुआ है। ये किरदार है फरह कहा, जो साजिश की एक और परत खोलती है। ये फिल्म में ट्विस्ट और टर्निग प्वाइंट लेकर आती है। फिल्म में रेहान और राजन के खतरनाक खेल की प्लानिंग से शुरु होकर इसे अंजाम देने के संघर्ष के बीत आने वाले रोमांच को दिखाती है। 1 घंटा 57 मिनट की इस कहानी में एक्शन, थ्रिल, सस्पेंस और शानदार लोकेशन के साथ ग्लैमर का तड़का भी देखने को मिल रहा है।

कहानी में अगर चोर हैं तो फिर इनका पीछे करने वाला ऑफिसर भी जरूर होगा। विक्रम पटेल के रूप में कुणाल कपूर नजर आए हैं। वो एक ऐसे जासूस हैं जो चोरों को रंगे हाथों पकड़ने के लिए हर संभव कोशिश करने में लगा हुआ है। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे कहानी में वफादारी बदलती है। वैसे कहानी में कुछ नए पन की उम्मीद थी। एक ग्लैमरस चोरी के सिवा वो नया पन मिसिंग है। फिल्म कई हिस्सों में 'रेस 2' और 'धूम 3' की याद दिलाती है। इसे देखने के बाद कई हिस्सों में ये भी लगता है कि कई पहलुओं को मिक्स किया गया है, जिससे कहानी थोड़ उलझ रही है। बॉलीवुड टच वाली इस फिल्म से आप हॉलीवुड वाला अंदाज या खुमार एक्स्पेक्ट न करें, वरना आपको निराशा होगी। देसी तड़के वाली फिल्म तमात कमियों के बाद भी एक मनोरंजक सफर पर ले जाती है।

कैसी है एक्टिंग

सैफ अली खान ने ठग रेहान रॉय की भूमिका निभाई है। वह आकर्षक और खतरनाक दोनों तरह के अंदाज पेश करने में कामयाब हैं। सैफ बौद्धिकता और भावनात्मक दोनों का संगम पेश कर रहे हैं। वो संतुलित शख्स के रूप में नजर आए हैं। निर्दयी माफिया बॉस राजन औलाख के रूप में जयदीप अहलावत दमदार और प्रभावी लगते हैं। वह स्क्रीन पर अपनी चमक बिखेरने में पूरी तरह सफल हुए हैं। राजन का उनका जटिल चित्रण फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। एक पल के लिए भी जयदीप से नजर नहीं हट पाएगी। उनके और सैफ के बीच का तालमेल भी कमाल का है। दोनों की डायलॉग डिलीवरी और साथ के सीन्स कमाल के हैं। 

फराह के रूप में निकिता दत्ता एक अलग अंदाज में दिखी हैं। रेहान रॉय का दिल चुराने वाली हसीना आपका दिल भी चुरा लेंगी। उनका किरदार थोड़ा और लंबा होता तो कहानी डेप्थ मिलती। स्क्रीन पर आत्मविश्वास से भरी होने के बावजूद उनका किरदार अधूरा सा रह जाता है। विक्रम पटेल के रूप में कुणाल कपूर सबसे कमजोर कड़ी लगते हैं। उनका किरदार एक व्यक्ति से ज्यादा एक प्लॉट सूत्रधार की तरह लगता है। कहानी में रेहान रॉय के भाई अवि के रूप में गगन अरोड़ा ने फिल्म में एक युवा जोश जोड़ा है और अपनी भूमिका को ईमानदारी से निभाया है।

निर्देशन

कहानी में कई ट्विस्ट मजेदार हैं और आपको जोड़े रखेंगे, लेकिन वहीं कई ऐसे मोड़ हैं जिन्हें देखने के बाद आप आगे की कहानी कुछ हद तक समझ जाएंगे। फिल्म में निर्देशक की ओर से सबसे बड़ी चूक हुई है। शानदार एक्टर्स के साथ कहानी को और रोचक बनाया जा सकता था, लेकिन कहानी में कुछ खास नया नहीं है, ये कई पुरानी डकैती फिल्मों की याद दिलाती है। कहानी के किरदार केवल कहानी के गैजेट तक सीमित हो जाते हैं। निकिता दत्ता और कुणाल कपूर जैसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं को कम स्क्रीन स्पेस मिला है। कूकी गुलाटी और रॉबी ग्रेवाल का निर्देशन अगर सधा हुआ होता तो ये कहानी एक आम बॉलीवुड डकैती वाली एक्शन सस्पेंस थ्रिलर से कुछ अलग और बेहतर होती। कैमरा वर्क कई हिस्सों में अच्छा है।

कैसी है फिल्म

कुछ मिलाकर ये फिल्म अपका मनोरंजन करने में कामयाब रहेगी। इसे एक बार तो जरूर देखा जा सकता है। सैफ अली खान और जयदीप अहलावत का काम आपको काफी पसंद आएगा। दोनों के बीच का तालमेल फिल्म की जान है। निकिता को स्क्रीन स्पेस और दिया जा सकता था, वो अपने रोल में प्रभावी हैं। कुणाल से और बेहतर काम की उम्मीद थी। निर्देशन और कहानी में कुछ खामियां जरूर हैं, लेकिन एक्शन और सस्पेंस कमाल का है। ऐसे में हम इस फिल्म को 3.5 स्टार दे रहे हैं।

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