Thursday, March 28, 2024
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The Sky is Pink Movie Review: प्रियंका चोपड़ा, जायरा वसीम का शानदार अभिनय, दिल छू लेने वाली कहानी

The Sky is Pink Movie Review: प्रियंका चोपड़ा, जायरा वसीम का शानदार अभिनय, दिल छू लेने वाली कहानी

Jyoti Jaiswal Jyoti Jaiswal
Updated on: October 10, 2019 23:53 IST
the sky is pink movie review
Photo: INSTAGRAM

the sky is pink movie review

  • फिल्म रिव्यू: द स्काई इज पिंक
  • स्टार रेटिंग: 3.5 / 5
  • पर्दे पर: Oct 11, 2019
  • डायरेक्टर: शोनाली बोस
  • शैली: रोमांटिक-ड्रामा

प्रियंका चोपड़ा ने दो साल बाद ‘The Sky is Pink’ से वापसी की है, यह फ़िल्म रियल लाइफ़ पर आधरित है और इसमें प्रियंका चोपड़ा अदिति चौधरी की भूमिका में हैं, उनके पति नीरेन चौधरी की भूमिका में फरहान अख्तर, बेटे ईशान चौधरी के रोल में रोहित सराफ और बेटी आयशा चौधरी के रोल में जायरा वसीम ने दिल जीत लिया है। फ़िल्म की कहानी आपका दिल छू लेगी। यह एक ऐसे कपल की कहानी है जिसकी बेटी बचपन से ही ज़िंदगी से ज़िंदगी के लिए लड़ती है। इस फ़िल्म में प्रियंका ने इतना शानदार काम किया है कि उन्हें लम्बे समय तक याद किया जाएगा। वहीं जायरा वसीम ने सूत्रदार के रूप में आपका दिल जीत लिया है। 

फिल्म की कहानी नीरेन और अदिति की है, दोनों के जीन में कुछ फॉल्ट है, जिसकी वजह से उनकी एक बेटी तान्या की मौत हो चुकी है, अब छोटी बेटी आयशा भी पैदा होते ही गम्भीर बीमारी की चपेट में है, वो किसी भी क़ीमत पर दोबारा अपनी बेटी को खोना नहीं चाहते हैं इसलिए हर जगह उसका इलाज कराते हैं, लंदन तक जाते हैं वो ठीक भी हो जाती है लेकिन बड़े होने पर बचपन में हुई कीमोथेरेपी की वजह से उसके लंग्स ख़राब हो जाते हैं। क्या हो अगर आपको पता हो कि आप जिसे सबसे ज़्यादा प्यार करते हैं वो अब कुछ ही दिन जीने वाला है। आप बहुत उदास होंगे ना लेकिन आदिति और नीरेन हर दिन को सेलिब्रेट करना चाहते हैं, उन्हें पता चलता है अब आयशा पाँच साल से ज़्यादा नहीं जी पाएगी तो वो उसके हर सपने हर शौक़ को पूरा करना चाहते हैं ख़ासकर आदिति, वो तो अपनी बेटी की डेट तक फिक्स करते हैं और ब्रेकअप होने पर उसे वेकेशन पर भी ले जाते हैं।

आयशा भी जीना जानती है, 13-14 साल की उम्र में वो मोटिवेशनल स्पीकर भी बन जाती है।

 इस फ़िल्म में छोटे-छोटे तमाम क़िस्से हैं जो हक़ीक़त में रियल लाइफ में रियल वाले अदिति और नीरेन के साथ घटे हैं, एक ही फ़िल्म में तमाम चीज़ें समेटने की कोशिश में ये फ़िल्म थोड़ी लम्बी हो गयी है, ऐसे कई हिस्से हैं जिन्हें छोटा किया जा सकता था।

एक बेबस माँ के रोल में प्रियंका चोपड़ा ने कमाल का काम किया है, बॉलीवुड में उनकी वापसी सुखद एहसास कराती है, फ़रहान ने पिता की भूमिका को दिल से निभाया है, ईशान बने रोहित भी अच्छे लगे हैं, फ़िल्म की सूत्रधार और जान आयशा ने अपनी आवाज़ और अपने अभिनय से दिल जीत लिया है, अफ़सोस है कि उन्होंने फ़िल्मों को अलविदा कह दिया है।

निर्देशक शोनाली बोस की जितनी तारीफ़ की जाए कम है, एक प्यारी सी कहानी हम तक पहुँचाने के लिए उनका शुक्रिया। ज़िंदगी की धूप छांव दिखाने वाली इस फ़िल्म को आप ज़रूर देखिए और रुमाल ज़रूर साथ ले जाइएगा। इंडिया टीवी इस फ़िल्म को दे रहा है 5 में से 3.5 स्टार।

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