Friday, July 11, 2025
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2 घंटे 21 मिनट की फिल्म, IMDb पर मिली है 8.6 रेटिंग, क्लाइमैक्स देख हो जाएंगे परेशान

ओटीटी पर एक से बढ़कर एक फिल्में मौजूद हैं, जिन्हें देखकर दर्शकों का पूरा दिन बन जाता है। आज हम आपको एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताएंगे, जिसे देखने के बाद आपके आंसू थमने का नाम नहीं लेंगे। खास बात तो ये है कि इसे आईएमडीबी पर 8.6 रेटिंग मिली है।

Written By: Priya Shukla
Published : Jun 14, 2025 23:28 IST, Updated : Jun 14, 2025 23:28 IST
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Image Source : INSTAGRAM इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं 'केरेबेटे'

पिछले कुछ सालों में साउथ सिनेमा 'केजीएफ' से लेकर 'कांतारा' जैसी अलग-अलग जॉनर की बेहद शानदार और कंटेंट बेस्ड फिल्में लेकर दर्शकों के सामने हाजिर हुआ, जिन्हें साउथ में ही नहीं पूरे देश में सराहा गया। ये फिल्में अब ओटीटी पर भी मौजूद हैं। लेकिन, इन दिनों एक फिल्म है जो सीधे ओटीटी पर रिलीज हुई थी और इसने दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ-साथ खूब रुलाया भी। इस फिल्म को आईएमडीबी पर 8.6 रेटिंग मिली है। मगर इसका क्लाइमैक्स कुछ ऐसा है, जो देखकर आप परेशान हो जाएंगे। 2 घंटे 21 मिनट लंबी इस फिल्म के आखिरी के 20 मिनट देखकर आप अपने आंसू नहीं रोक पाएंगे।

क्या है फिल्म की कहानी?

हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं उसका नाम है 'केरेबेटे' और इसके निर्देशक राजगुरु हैं। ये फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर इसी साल 1 मई को रिलीज हुई थी और इसे खूब पसंद भी किया गया। फिल्म की कहानी एक युवा लड़के तस्कर नागा 'गौरीशंकर' के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपनी मां के साथ अपनी पैतृक संपत्ति को पाने के लिए खूब संघर्ष करता है। इसी बीच, उसकी जिंदगी में मीना (बिंदु शिवराम) की एंट्री होती है, दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगते हैं। लेकिन, इनकी प्यार को जाति की नजर लग जाती है। जैसे ही मीना प्रेग्नेंट होकर लौटती है, गांव में हलचल पैदा हो जाती है।

सामाजिक दर्पण है केरेबेटे

इस फिल्म की कहानी देखी जाए तो ये एक फिल्म होने के साथ-साथ समाज को आईना दिखाने का भी काम करती है। समाज की उन बुराइयों को पेश करती है, जो जाति और समुदाय के चलते कईयों के जीवन को प्रभावित करती है। फिल्म में 20 मिनट का वो सीक्वेंस, जहां मीना गायब हो जाती है और फिर गर्भवती होकर लौटती है, रहस्य के साथ-साथ आंखों को नम भी कर जाता है। दलित समुदाय पर अत्याचार और पितृसत्तात्मक समाज की क्रूरता को भी इस फिल्म में बखूबी दिखाया गया है।

फिल्म की खासियत

इस फिल्म की कहानी के साथ-साथ नदियों, जंगलों और ग्रामीण जीवन को जिस सादगी के साथ पेश किया गया है, वही इसे खास बनाती है। फिल्म गंभीरता के साथ-साथ विरोधाभास भी पैदा करती है। ये फिल्म प्राइम वीडियो पर फिलहाल रेंट पर उपबल्ध है। इसे 99 रुपये में देखा जा सकता है। किराए पर लेने के बाद इसे 30 दिनों तक एक्सेस किया जा सकता है।

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