Saturday, April 20, 2024
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1984 सिख विरोधी दंगा: 34 साल के बाद एक दोषी को फांसी की सजा, दूसरे को उम्रकैद

84 दंगा केस में दोषी यशपाल को फांसी की सजा सुनाई गई है जबकि दूसरे दोषी नरेश को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 20, 2018 17:08 IST
1984 anti sikh riots case- India TV Hindi
1984 anti sikh riots case

नई दिल्ली: साल 1984 के सिख दंगों से जुड़े एक केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दो दोषियों की सजा का ऐलान कर दिया है। 84 दंगा केस में दोषी यशपाल को फांसी की सजा सुनाई गई है जबकि दूसरे दोषी नरेश को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। यह  सजा दंगों के 34 साल बाद सुनाई गई है।

बता दें कि 1984 दंगों के दौरान दक्षिणी दिल्ली के महिपालपुर में दो सिखों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 14 नवंबर को नरेश सहरावत और यशपाल सिंह को दोषी करार दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सज़ा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस मामले में यह सजा हुई है उसे सबूतों के अबाव में 1994 में बंद कर दिया गया था लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से गठित SIT ने इसे दोबारा खोला और अब इस मामले में सजा हुई है।

केंद्र के आदेश पर गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने पिछले हफ्ते अडिशनल सेशन जज अजय पांडे के सामने सजा पर बहस के दौरान दलील दी थी कि दोषियों का अपराध गंभीर प्रकृति का है, जिसे पूरी साजिश के तहत अंजाम दिया गया, इसलिए हत्या के अपराध के लिए उन्हें अधिकतम सजा के तौर पर फांसी दी जाए।

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