Friday, April 19, 2024
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असम बंद: प्रदर्शनकारियों ने रेलवे पटरियों को बाधित किया, टायर जलाए

असम के 46 संगठनों ने मंगलवार राज्‍यव्‍यापी बंद का एलान किया है। ये सभी संगठन नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 का विरोध कर रहे हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 23, 2018 12:37 IST
assam- India TV Hindi
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गुवाहाटीअसम में नागरिकता विधेयक के विरोध में 46 संगठनों ने पूरे राज्य में मंगलवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। इस बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य भर में रेलवे पटरियों पर अवरोधक लगाने और ट्रेन परिचालन को बाधित करने की कोशिश की। पुलिस अधिकारियों ने यहां बताया कि ट्रेन के परिचालन को बाधित करने की कोशिश कर रहे लोगों को वहां से हटा दिया गया है। 

प्रदर्शनकारियों ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर सड़कों पर टायर जलाए। सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों को पुलिस की सुरक्षा दी गई है ताकि बंद के दौरान यातायात सुविधा सामान्य रह सके। कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस), असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) और 44 संगठनों ने संसद में शीतकालीन सत्र में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को पारित करने की केंद्र सरकार की कोशिश के खिलाफ 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। 

राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने बंद को अपना समर्थन दिया है। राज्य की भाजपा सरकार ने सभी जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षकों से बंद के दौरान सार्वजनिक उपयोग की सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। संबंधित जिला उपायुक्तों ने सभी सरकारी अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि वह अपनी ड्यूटी में मौजूद रहें। आदेश में यह भी कहा गया कि बंद के दौरान दुकानें, कारोबारी प्रतिष्ठान, शैक्षणिक संस्थान खुले रहने चाहिए और सार्वजनिक यातायात सुविधा भी सामन्य तरीके से काम करे। 

नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को लोकसभा में नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन करने के लिए पेश किया गया। इसके तहत भारत में 31 दिसंबर, 2014 से पहले प्रवेश कर चुके उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को नागरिकता दी जाएगी जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आ गए थे। राज्य के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने सोमवार को कहा था कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने कहा है कि बंद बुलाना गैरकानूनी है और इसलिए 46 संगठनों को मंगलवार को राज्य भर में बंद बुलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती क्योंकि यह अदालत के आदेश की अवमानना है। 

संगठनों के मुताबिक इस कानून के आने से लंबे समय से साथ रह रहे कई समुदायों पर खतरा मंडराने लगा है।  इसे देखते हुए राज्‍य के 46 संगठनों ने सुबह से लेकर शाम तक 12 घंटों के बंद का एलान किया है।

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