Saturday, April 27, 2024
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लॉकडाउन में इन 7 बातों का रखें ध्यान, प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में किया आग्रह

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 20 अप्रैल तक लॉकडाउन की अवधि में सरकार की तरफ से ज्यादा सख्ति बरती जाएगी और उसके बाद जहां जरूरी हुआ वहां पर कुछ राहत दी जा सकती है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 14, 2020 10:56 IST
7 things which PM Modi asked to follow during lockdown 2- India TV Hindi
Image Source : 7 things which PM Modi asked to follow during lockdown Period

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है और साथ में देश की जनता से लॉकडाउन में 7 बातों का ध्यान रखने की अपील भी की है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 20 अप्रैल तक लॉकडाउन की अवधि में सरकार की तरफ से ज्यादा सख्ति बरती जाएगी और उसके बाद जहां जरूरी हुआ वहां पर कुछ राहत दी जा सकती है। लेकिन जो राहत दी जाएगी वह भी शर्तों के साथ मिलेगी। 

प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान जिन 7 बातों का ध्यान रखने के लिए कहा है वे इस तरह से हैं

  1. अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी एक्स्ट्रा केयर करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है। 
  2. लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेस कवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें
  3. अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं उसका पालन करें 
  4. कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद के लिए आरोग्य सेतू मोबाइल एप जरूर डाउनलोड करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें
  5. जितना हो सके, उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें
  6. आप अपने व्यवसाय में अपने साथ काम कर रहे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें
  7. देश के कोरोना योद्धाओं, डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मी पुलिस कर्मियों का सम्मान करें, आदरपूर्वक उनका गौरव करें

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने इस महामारी से निपटने के लिए भारत की तैयारियों के बारे में बताते हुए कहा, 'भारत में आज हम एक लाख से अधिक बेड्स की व्यवस्था कर चुके हैं। इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है आज भारत के पास भले सीमित संसाधन हों, लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि विश्व कल्याण के लिए, मानव कल्याण के लिए आगे आएं, कोरोना की वैक्सीन बनाने का बीड़ा उठाएं।'

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