Friday, March 29, 2024
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Coronavirus के बढ़ते मामलों के बीच भारत ने आने वाली चुनौतियों के लिए कमर कसी

 कोरोना वायरस संक्रमण के सामुदायिक संचार (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) स्तर तक पहुंचने के खतरे के बीच भारत विभिन्न राज्यों में प्रभावित रोगियों के लिए अलग अस्पताल की व्यवस्था करने, जीवन रक्षक प्रणालियों (वेंटिलेटर) की खरीद बढ़ाने और किसी भी स्थिति से निटपने के लिए रेलवे और सशस्त्र बलों के संसाधनों का इस्तेमाल करने सहित कई उपाय कर रहा है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: March 28, 2020 21:12 IST
Coronavirus के बढ़ते मामलों के बीच भारत ने आने वाली चुनौतियों के लिए कमर कसी - India TV Hindi
Image Source : ANI Coronavirus के बढ़ते मामलों के बीच भारत ने आने वाली चुनौतियों के लिए कमर कसी 

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के सामुदायिक संचार (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) स्तर तक पहुंचने के खतरे के बीच भारत विभिन्न राज्यों में प्रभावित रोगियों के लिए अलग अस्पताल की व्यवस्था करने, जीवन रक्षक प्रणालियों (वेंटिलेटर) की खरीद बढ़ाने और किसी भी स्थिति से निटपने के लिए रेलवे और सशस्त्र बलों के संसाधनों का इस्तेमाल करने सहित कई उपाय कर रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में ढांचागत निर्माण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। देश में अभी तक कोरोना वायरस के 873 मामले सामने आए हैं और इससे 19 लोगों की मौत हो चुकी है। भले ही स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कहते रहे हों कि अभी तक सामुदायिक स्तर पर इसके प्रसार का ‘‘कोई ठोस साक्ष्य’’ नहीं है लेकिन सरकार ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य ढांचे में तेजी लाना शुरू कर दिया है। 

नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भारत में मंगलवार की रात से ही 21 दिनों का बंद है। कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष बनाने की घोषणा की जहां लोग वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार का सहयोग कर सकें और अपना योगदान दे सकें। केंद्र ने राज्यों को भेजी अत्यावश्यक सूचना के तहत उन्हें केवल कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए अस्पताल चिह्नित करने को कहा है और मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए क्षमता में बढ़ोतरी करने के लिए कहा गया है। कम से कम 17 राज्यों ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। कोविड-19 रोगियों को उपचार मुहैया कराने के लिए सशस्त्र बलों ने सेना के 28 अस्तपालों को तैयार रखा है। इसके अलावा पांच अस्तपाल संक्रमण से पीड़ित लोगों की जांच में लगे हुए हैं। 

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को वेंटिलेटर बनाने का काम सौंपा
सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को वेंटिलेटर बनाने का काम दिया गया है जबकि प्रतिष्ठित रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला डीआरडीओ चिकित्साकर्मियों के लिए सुरक्षा उपकरण के निर्माण में लगा हुआ है और रोगियों की देखभाल में लगे विभिन्न एजेंसियों को सेनिटाइजर और मास्क की आपूर्ति कर रहा है। सरकार ने शुक्रवार को सेना के विभिन्न कोर और डिविजनल कमांडरों को आपातकालीन वित्तीय शक्तियां प्रदान कीं ताकि प्रभावित लोगों के लिए चिकित्सा और पृथक इकाइयों का गठन किया जा सके। रेलवे ने कोरोना वायरस के रोगियों के इलाज के लिए गैर वातानुकूलित कोच को पृथक वार्ड में तब्दील कर एक प्रोटोटाइप बनाया है । रेलवे ने बताया कि अगर इसे अगले कुछ दिनों में मंजूरी मिल जाती है तो रेलवे का हर जोन प्रति सप्ताह दस कोच वाला ऐसा एक रेक बनाएगा। प्रमुख अस्पतालों के चिकित्सकों ने शुक्रवार को आशंका जताई कि अगर लोगों ने बंद और क्वारंटाइन के नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया तो संक्रमण के तीसरे चरण में पहुंचने का खतरा है। ज्यादा संख्या में मामलों से निपटने के प्रयास के तहत केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया है कि सरकारी और निजी अस्पतालों में पृथक केंद्र बनाने के लिए कुछ बिस्तर रिजर्व रखे जाएं और सुनिश्चित किया जाए कि जिन रोगियों की हालत स्थिर है उन्हें जल्द से जल्द छुट्टी दी जाए। 

जांच उपकरण गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए विमानों की सेवा ली
नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कोविड-19 के जांच उपकरण गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए विमानों की सेवा ली जा रही है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारत ने प्रयास तेज कर दिए हैं। हमारे नागर विमानन क्षेत्र की तरफ से किए जा रहे प्रयासों पर मुझे गर्व है जो वर्तमान में बंद के दौरान चिकित्सकीय एवं आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं।’’ उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य ने 11 हजार अतिरक्त पृथक बिस्तरों की व्यवस्था की और वर्तमान में आठ जांच प्रयोगशालाएं काम कर रही हैं। हरियाणा ने भी चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके अलावा कोविड-19 के मामलों से लड़ने के लिए पृथक वार्ड भी बनाए हैं। दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि एम्स ने कोविड-19 के लिए प्रबंधन प्रोटोकॉल बनाने की खातिर कार्यबल का गठन किया है और कई समितियों का गठन किया है ताकि आगामी दिनों में अगर संक्रमितों की संख्या बढ़ती है तो उससे निपटा जा सके। केंद्र ने अस्पतालों से कहा है कि गैर जरूरी सभी सर्जरी को स्थगित किया जाए। 

दिल्ली में कोरोना वायरस का फैलाव नियंत्रण में 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि महानगर में कोरोना वायरस का फैलाव ‘‘बिल्कुल नियंत्रण’’ में है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले प्रतिदिन सौ से अधिक भी हुए तो स्थिति से निपटने के लिए व्यवस्थाएं की गई हैं। निजी अस्पतालों ने भी सुविधाओं में विस्तार किया है और भविष्य में रोगियों की संख्या बढ़ने पर विशिष्ट टीमों का गठन किया है। मैक्स हेल्थकेयर के समूह चिकित्सा निदेशक डॉ.संदीप बुधिराजा ने कहा, ‘‘यह विश्व युद्ध से भी बुरी स्थिति है। और इसमें हम सब साथ हैं।’’ बुद्धिराजा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम अपने ग्रेटर नोएडा के अस्पताल में कोविड-19 रोगियेां के लिए अलग व्यवस्था तैयार कर रहे हैं। इसमें 200 बिस्तर, 40 आईसीयू और 160 वार्ड हैं। यह पूरी तरह कोरोना वायरस के रोगियों के लिए है।’’ इसके अलावा बीएलके अस्पताल, मैक्स साकेत और मैक्स पटपड़गंज, अपोलो अस्तपाल ने भी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अपने-अपने यहां व्यवस्था की है। 

केवल पांच फीसदी रोगियों को सघन देखभाल की जरूरत 
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि कुल पीड़ित रोगियों में से केवल पांच फीसदी को सघन देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि उनका श्वसनतंत्र खराब हो जाता है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत होती है जबकि शेष रोगी उपचार से ठीक हो जाते हैं। देश में वेंटिलेटर की समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने पहले के 1200 वेंटिलेटर के अतिरिक्त दस हजार वेंटिलेटर खरीदने का ऑर्डर दिया है। देश में वेंटिलेटर की कमी को दूर करने के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से अगले एक-दो महीने में 30 हजार अतिरिक्त वेंटिलेटर की आपूर्ति करने के लिए कहा गया है। 

 

 

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