Friday, March 29, 2024
Advertisement

Covid-19 के बीच कैंसर रोगियों के इलाज में देरी से बीमारी के अगले स्तर पर पहुंचने का खतरा: विशेषज्ञ

कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच लोग अस्पताल जाने से बच रहे हैं और ऐसे में कैंसर का देर से पता चलना और इसका अगले चरण में चले जाना बड़े संकट की बात हो सकता है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: April 28, 2020 19:06 IST
hospital- India TV Hindi
hospital

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच लोग अस्पताल जाने से बच रहे हैं और ऐसे में कैंसर का देर से पता चलना और इसका अगले चरण में चले जाना बड़े संकट की बात हो सकता है। वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञों ने ऐसी चिंता जताई है। कैंसर रोग विशेषज्ञों के अनुसार, कोविड-19 महामारी के दौर में अनेक तरह के उपचारों को टाला जा सकता है लेकिन ‘कैंसर इंतजार नहीं करता’। इन दिनों अन्य बीमारियों की तरह कैंसर का इलाज भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।

मैक्स हेल्थकेयर में मेडिकल ओंकोलॉजी की निदेशक डॉ. भावना सिरोही ने कहा कि कैंसर इंतजार नहीं करता और यह फिलहाल एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कोविड-19 की वजह से मरीज डरे हुए हैं और अस्पताल नहीं आ रहे हैं जिससे कुछ मामलों में कैंसर शुरुआती स्तर से अंतिम स्तर तक पहुंच रहा है।’’ उन्होंने रोगियों से अपील की कि उन्हें अस्पताल आने से डरना नहीं चाहिए, वहीं जिन लोगों को गांठ आदि की शिकायत होती है, उन्हें भी पहचान और उपचार में देरी नहीं करनी चाहिए।

सिरोही के मुताबिक, उनके पास एक रोगी हाल ही में आया जिसने तीन सप्ताह तक लक्षणों की अनदेखी की और देरी से डॉक्टर से परामर्श लिया। बाद में उन्हें कैंसर होने का पता चला। उन्होंने कहा कि कोविड-19 अभी जाने वाला नहीं है और लोगों को उसके साथ रहने की आदत डालनी होगी तथा सावधानियां बरतनी होंगी। सिरोही ने कहा, ‘‘अगर कैंसर के मामले में फौरन सक्रियता नहीं दिखाई जाती तो स्टेज एक और दो की बीमारी तीसरे और चौथे स्तर पर पहुंच सकती है और फिर लाइलाज हो सकती है।’’

उन्होंने कोरोना वायरस के दौर में कैंसर के उपचार के संदर्भ में कहा कि जोखिम और फायदों के बीच संतुलन बनाकर रखना होगा। सिरोही ने कहा, ‘‘अगर बहुत कम फायदे की संभावना है तो लोगों को कीमोथैरेपी से बचना चाहिए। लेकिन अगर रोगी को लिंफोमा या ब्लड कैंसर है तो स्वस्थ होने की दर बहुत अधिक है।’’ मैक्स हेल्थकेयर में मस्क्युलोस्केलेटल ओंकोलॉजी के प्रमुख डॉ अक्षय तिवारी ने कहा कि रीढ़ की हड्डी के कैंसर सर्जन के तौर पर वह अनेक स्तर पर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोगियों के लिए आना-जाना बहुत मुश्किल हो गया है और जो आ सकते हैं, वे कोरोना वायरस संक्रमण के डर से नहीं आ रहे।

तिवारी के मुताबिक, जिन रोगियों को तत्काल इलाज की जरूरत है, वो नहीं आ रहे हैं और इससे कैंसर के अगले स्तर पर पहुंचने का खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘देरी की वजह से कुछ मामले लाइलाज भी हो सकते हैं। दुनियाभर में कैंसर विशेषज्ञों ने इस तरह की चिंता जताई है।’’ उन्होंने कहा कि जनता के बीच संदेश जाना चाहिए कि कैंसर इंतजार नहीं करता और यह कोविड-19 से ज्यादा घातक है। डॉ तिवारी के अनुसार, ‘‘जांच में भी देरी हो सकती है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए यह संदेश जाना चाहिए कि हमें कैंसर के लक्षणों की अनदेखी नहीं करनी जिसमें गांठ आदि शामिल हैं।’’ शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल में कैंसर रोग विभाग के अतिरिक्त निदेशक और प्रमुख डॉ राजेंद्र कुमार ने कहा कि कोविड-19 का संकट निश्चित रूप से कैंसर के इलाज में चुनौती पैदा कर रहा है।

Latest India News

Related Video

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement