Wednesday, April 24, 2024
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परिवारवादी पार्टियों का भविष्य में बचे रहना संभव नहीं: नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पारिवारिक पार्टियों का कोई मतलब है क्या, आजकल तो देख रहे हैं कि लोग खुद को अपने परिवार को बाल बच्चे को आगे करते हैं, इसका कोई मतलब है क्या, राजनीति से इसका मतलब नहीं होना चाहिए लेकिन आजकल कई दल इसी पर चले हैं।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 26, 2021 15:31 IST
Nitish Kumar, Bihar Chief Minister - India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO Nitish Kumar, Bihar Chief Minister 

Highlights

  • लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके दल नहीं कर सकते लोकतंत्र की रक्षा: पीएम मोदी
  • प्रधानमंत्री ने किसी दल विशेष का नाम लिए बगैर इस आयोजन का बहिष्कार करने वाले दलों को आड़े हाथ लिया
  • अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम ने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि दी तथा स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया

नई दिल्ली। संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद की राजनीति पर निशाना साधा। संसद भवन में विशेष कार्यक्रम में पीएम मोदी के बयान के बाद से सियासत गर्मा गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पारिवारिक पार्टियों का कोई मतलब है क्या, आजकल तो देख रहे हैं कि लोग खुद को अपने परिवार को बाल बच्चे को आगे करते हैं, इसका कोई मतलब है क्या, राजनीति से इसका मतलब नहीं होना चाहिए लेकिन आजकल कई दल इसी पर चले हैं, आप समझ लीजिए कि अभी कुछ दिन के लिए भले ही वो राज में हैं लेकिन कुछ दिन बाद उनका सर्वाइवल संभव नहीं है। 

https://twitter.com/ANI/status/1464163881702486021

परिवारवादी पार्टियों पर पीएम मोदी ने साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए पारिवारिक पार्टियों को संविधान के प्रति समर्पित राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय बताया और दावा किया कि लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके दल, लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकते हैं। संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने किसी दल विशेष का नाम लिए बगैर इस आयोजन का बहिष्कार करने वाले दलों को भी आड़े हाथों लिया और इस पर चिंता जताते हुए कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान का स्मरण ना करने और उनके खिलाफ ‘‘विरोध के भाव’’ को यह देश स्वीकार नहीं करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसे संकट की तरफ़ बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वह है पारिवारिक पार्टियां। संविधान दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि आज का दिवस इस सदन को प्रणाम करने का है। इसी पवित्र जगह पर महीनों तक भारत के एक्टिविस्टों ने देश के उज्जवल भविष्य के लिए व्यवस्थाओं को निर्धारित करने के लिए मंथन किया था और संविधान रुपी अमृत हमें प्राप्त हुआ। वहीं पीएम मोदी ने योग्यता के आधार पर परिवार के एक से अधिक लोगों के पार्टी में शामिल होने पर सहमति जताई। लेकिन एक ही पार्टी में पीढ़ी दर पीढ़ी राजनीति में शामिल हो रहे लोगों को परिवारवाद की राजनीति से प्रेरित कहा। वहीं अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि दी तथा स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया।

संविधान के कैलिग्राफ वर्जन और अपडेटेड वर्जन के डिजिटल संस्करण जारी

संसद भवन के विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने में देश का नेतृत्व किया। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज संविधान सभा की चर्चाओं और संविधान के कैलिग्राफ वर्जन और अपडेटेड वर्जन के डिजिटल संस्करण जारी कर दिए गए हैं। इस प्रकार टेक्नोलॉजी की सहायता से ये सभी अमूल्य दस्तावेज सभी लोगों के लिए सुलभ हो गए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि संविधान के अपडेटेड वर्जन से छात्रों को संवैधानिक प्रगति की यात्रा की जानकारी प्राप्त होगी। संवैधानिक लोकतंत्र के विषय पर ऑनलाइन क्विज कराने की पहल सराहनीय है। यह रोचक माध्यम नागरिकों और युवा पीढ़ी में संवैधानिक मूल्यों के संवर्धन में प्रभावित सिद्ध होगा। पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला शामिल हुए। 

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