Friday, April 19, 2024
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प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर महाराज का लंबी बीमारी के बाद 51 वर्ष की उम्र में निधन

प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर महाराज का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को 51 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। करीब 20 दिन पहले पीलिया की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

India TV News Desk Edited by: India TV News Desk
Updated on: September 01, 2018 9:22 IST
Jain muni Tarun Sagar dies after prolonged illness- India TV Hindi
Jain muni Tarun Sagar dies after prolonged illness

नई दिल्ली: प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर महाराज का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को 51 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। रात 3 बजकर 11 मिनट पर राधेयपुरी, कृष्णानगर में आखिरी सांस ली। 7 बजे उनकी अंतिम यात्रा शुरू होगी जो 28 किलोमीटर दूर मुरादनगर में तरुनसागरम तक पहुंचेगी। करीब 20 दिन पहले पीलिया की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन इलाज के बाद भी उनकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ।

बुधवार को उन्होंने आगे इलाज कराने से मना कर दिया और अपने अनुयायियों के साथ गुरुवार शाम कृष्णा नगर (दिल्ली) स्थित राधापुरी जैन मंदिर चातुर्मास स्थल आ गए। दिल्ली जैन समाज के अध्यक्ष चक्रेश जैन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि तरुण सागर ने अपने गुरु पुष्पदंत सागर महाराज की स्वीकृति के बाद संथारा ले लिया है। 

क्या होता है संथारा?

जैन धर्म में संथारा की प्रक्रिया होती है। इसमें जब इंसान को आभास होता है कि उसकी मौत नजदीक है तो वह खाना-पीना छोड़ देता है। जैन धर्म शास्त्रों के मुताबिक उपवास के जरिए मौत प्राप्त करने की प्रकिया है। जैन धर्म में इसे मोक्ष प्राप्त करने की प्रक्रिया माना जाता है।

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