बेंगलुरु. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन के 56 दिनों बाद कर्नाटक में मंगलवार को सड़कों पर ऑटोरिक्शा, कैब और बसें चलने लगीं। इसके साथ ही सरकार ने सामान्य स्थिति को बहाल करना शुरू कर दिया है। लगभग दो महीने तक बंद रहने के बाद, बड़ी संख्या में टैक्सी, बस और ऑटोरिक्शा सड़कों पर उतरीं।
BMTC ने पहले दिन 1,500 बसें चलाईं
कर्नाटक सरकार ने सोमवार को प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की और राज्य में बस, ऑटो और कैब को सख्त दिशा-निर्देशों के साथ चलाने की अनुमित दी, जिसमें चालकों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना है। सरकार ने इन वाहनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी सीमित की है। प्रतिबंध हटने के बाद बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) ने राज्य की राजधानी में पहले दिन 1,500 बसें चलाईं।कैशलैस भुगतान करने के लिए कर रहे प्रोत्साहित
हालांकि, यात्रा टिकट जारी करने के बजाय, बीएमटीसी ने दैनिक, साप्ताहिक और मासिक पास जारी करना शुरू कर दिया। बीएमटीसी के एक जनसंपर्क अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम एक बस स्टॉप से दूसरे स्टॉप तक टिकट जारी करने के बजाय शहर के भीतर केवल लंबी दूरी की यात्रा को प्रोत्साहित कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि बसों के अंदर केवल 20 लोगों के चढ़ने की अनुमति है और यात्रियों को नकदी के आदान-प्रदान से बचने व कैशलेस भुगतान करने के लिए बस में लगे क्यूआर कोड का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
KSRTC ने 1161 बसों का संचालन किया
कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) को विकट स्थिति का सामना करना पड़ा क्योंकि यात्रियों की अनियंत्रित भीड़ के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में बस स्टैंड पर हंगामा हुआ। बहुत अधिक मांग के बाद, निगम ने 1,161 बसों का संचालन किया। उप मुख्यमंत्री व परिवहन विभाग के प्रभारी लक्ष्मण सावदी ने स्वीकार किया कि व्यवस्था में कुछ कमियां हैं। हालांकि, उन्हें भरोसा जताया कि बुधवार से हालात सुधरेंगे।
बड़ी संख्या में ऑटोरिक्शा भी सड़कों पर उतरे
राज्य में सड़कों पर ऑटोरिक्शा भी बड़ी संख्या में उतरे, लेकिन उन्हें बहुत कम यात्री मिले, क्योंकि लोग कोरोना वायरस के डर के कारण यात्रा करने से परहेज कर रहे थे। बेंगलुरु में एक ऑटो रिक्शा चालक ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं, लेकिन बहुत से लोग ऑटोरिक्शा में यात्रा करने के लिए तैयार नहीं हैं।’’ उसनें कहा कि हमें सरकार ने हर व्यावसायिक यात्रा से पहले और बाद में वाहन पर विषाणुनाशक स्प्रे छिड़कने के लिए कहा गया है, लेकिन हमें ऐसा स्प्रे कहां मिलेगा। उसने कहा कि सरकार को हमें फंड देना होगा, अन्यथा हम लोग कैसे गुजारा करेंगे।